अयोध्या, एबीपी गंगा। अयोध्या में भगवान राम के विवाह की तैयारी विश्व हिंदू परिषद कर रहा है। यह अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा जिसका आयोजन विहिप कर रही है। विश्व हिंदू परिषद हर 5 साल में अयोध्या से जनकपुर भगवान राम की बारात जनक पुर के लिए लेकर जाती है। इस बार भी उसी की तैयारी में विहिप लगा हुआ है। 21 नवंबर को अयोध्या के कारसेवक पुरम से भगवान राम की बारात जनकपुर के लिए रवाना होगी। इस कार्यक्रम का निमंत्रण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के कई और चेहरों को निमंत्रण भेजा गया है। और विश्व हिंदू परिषद की माने तो मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री के भी जनकपुर में भगवान राम के विवाह समारोह में पहुंचने की उम्मीद है। विश्व हिंदू परिषद इसको भव्य और दिव्य बनाने में विश्व हिंदू परिषद ने ताकत झोंक रखी है।
भगवान राम की नगरी में लगातार इस समय सरगर्मी तेज है। अयोध्या फैसले के बाद राम भक्त और संतों में खुशी की लहर है। एक दिसंबर को भगवान राम के विवाह का मुहूर्त है। जिसके लिए अयोध्या के मंदिरों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। तो विश्व हिंदू परिषद भी अब राम बारात जनकपुर ले जाने की तैयारी में जुट गया है। 21 नवंबर को राम बारात अयोध्या से रवाना होगी जिसे न्यास अध्यक्ष हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इसमें लगभग 200 संतों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही कई प्रमुख चेहरे भी राम विवाह के कार्यक्रम में शामिल होंगे। 21 नवंबर को अयोध्या से बारात निकलेगी और 28 नवंबर को जनकपुर पहुंचेगी। एक दिसंबर को माता सीता भगवान राम के साथ परिणय सूत्र में बंध जाएंगे, दो दिसंबर को राम कलेवा होगा..उसके बाद बारात अयोध्या के लिए वापस की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। सभी को निमंत्रण भेजा है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि अयोध्या जनकपुर दोनों जगह के कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री शिरकत कर सकते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री भी जनकपुर के कार्यक्रम में शिरकत कर सकते हैं।