लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दुर्गा पूजा के सार्वजनिक आयोजनों की अनुमति न दिए जाने के मामले में सियासत शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि प्रदेश सरकार पंडालों में आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा पर रोक का आदेश वापस ले. ये आदेश कानून सम्मत नहीं है. उन्होंने कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो करोड़ों लोगों की आस्था पर चोट पहुंचेगी. इसे लेकर अनिष्ट की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.


भक्तों की आस्था पर हमला
रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में लाखों स्थानों पर आदि शक्ति मां दुर्गा के भक्त पंडाल लगाकर और मन्दिरों को सजाकर विधिवत पूजा करते हैं. इन पंडालों और मन्दिरों में करोड़ों भक्त दर्शन के लिए आते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का पंडालों में पूजा पर रोक का आदेश इन भक्तों की आस्था पर हमला है. ताकत के बल पर इस आस्था पर हमला हुआ तो भक्तों के हृदय से आह निकलेगी जिसके बारे में मान्यता है कि आह से लोहा भी भस्म हो जाता है.


सरकार को देनी चाहिए छूट
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश सरकार ने भगवान राम की रामलीला के लिए सामाजिक दूरी और 100 की संख्या की शर्त के साथ भक्तों को इक्कठा होकर दर्शन और पूजा की छूट दी है, उसी प्रकार से सरकार आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा के मामले में भी समाजिक दूरी और 100 की संख्या की शर्त के साथ सार्वजनिक स्थानों पर पंडाल लगाकर और पहले से स्थापित मन्दिरों में साज सज्जा करके पूजा और दर्शन करने की छूट देनी चाहिए.


उदारता दिखाए सरकार
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश सरकार भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए उदारता दिखाती है, उसी तरह की उदारता आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा के लिए सड़कों पर पंडाल लगाने, उसमें मूर्ति स्थापना कर पूजा दर्शन के मामले में भी दिखाए.


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