Diwali Puja 2023: देशभर में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन और भाई दूज जैसे त्योहारों की तैयारियां शुरू हो गई हैं. ये सभी त्योहार लगातार साथ आते हैं, जिसमें विशेष विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. दीपावली पर होने वाली पूजा को लेकर श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने खास बात बताई है. उन्होंने सोमवार को कहा कि धनतेरस और दीपावली में खास अंतर नहीं है. इसलिए धनतेरस से ही मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की विधि विधान से पूजा होनी चाहिए. 


आचार्य सत्येंद्र दास ने दीपावली और धनतेरस की परंपराओं को लेकर कहा कि धनतेरस और दीपावली में दोनों में विशेष अंतर नहीं हैं, जिस दिन धनतेरस लगती है उस दिन निश्चित है कि उस दिन सभी लोगों को लक्ष्मी की मूर्ति और कुबेर की मूर्ति की रखकर ये पूजा सांयकाल से प्रारंभ करनी चाहिए. 


विशेष विधि विधान से करें पूजा
मुख्य पुजारी ने कहा कि इस बार धनतेरस 10 नवंबर को पड़ रही है. सभी जो लोग भक्त हैं, जो धन की इच्छा रखते हैं. सुख शांति की इच्छा रखते हैं उन्हें धनतेरस के दिन से लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. धनतेरस से लक्ष्मी की पूजा की जाए और उसी दिन लोग कुछ सामान भी खरीदते हैं. विशेषकर सोने चांदी के पात्र या किसी वस्तु का हो, ये सब खरीदना चाहिए, इसी से उनको फल मिलता है. लक्ष्मी का वास हमारे यहां हो, सुख शांति मिले, ऐसी सुख शांति के लिए ही लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है. जो इस प्रकार से विधि विधान से करते हैं उन्हें सुख शांति मिलती है. धन का लाभ मिलता है और परिवार सुखी रहता है. 



आपको बता दें कि दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. इस बार देशभर में 12 नवंबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. इससे पहले 10 नवंबर को धनतेरस मनाई जाएगी. कहते हैं कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है तो लक्ष्मी जी वहां वास करने लगती हैं. उस घर पर मां लक्ष्मी की कृपा रहती है. 


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