UP News: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों शोरों से चल रहा है. मंदिर का निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 में पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद सबसे महत्वपूर्ण कदम राम मंदिर की सुरक्षा के लेकर उठाए जाएंगे. राम मंदिर की सुरक्षा के लिए आज (13 अप्रैल) अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक हुई. यह बैठक राम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में की गई, जिसमें राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाने पर मंथन हुआ. इस बैठक में एडीजी सुरक्षा और साथ ही सीआरपीएफ और पीएसी के अलावा प्रशासन और खुफिया विभाग के कई बड़े अधिकारी शामिल थे.


मंदिर की सुरक्षा को लेकर हुई चर्चा


राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर स्टैंडिंग कमेटी सक्योरिटी का गठन हुआ था. इस समिति में सीआरपीएफ, इटैलिजेंट ब्यूरो के साथ यूपी और केंद्र सरकार की कई बड़ी संस्थाएं शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी भी इसमें शामिल होने लगे. इससे लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या और राम जन्मभूमि परिसर की सिक्योरिटी देश में महत्वपूर्ण सुरक्षा का कार्य है. उन्होंने कहा कि यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना भारत की संसद और राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा और इसके प्रति सब सतर्क हैं. राम जन्मभूमि मंदिर सरयू नदी के तट पर है इसलिए जल सुरक्षा, वायु सुरक्षा और जमीन पर सुरक्षा इन सब का विचार होता है.


इस बैठक में राम मंदिर की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को किस तरह से कम किया जाए इस पर भी विचार किया गया. जिसमें टेक्नोलॉजी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने की बात कही गई. ताकि राम मंदिर की सुरक्षा में लगे हजारों सुरक्षाकर्मियों की संख्या को किस तरह से कम किया जा सके और टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए. वहीं चंपत राय ने कहा कि यहां विचार हो रहा है कि सिपाही की उपस्थिति कम हो और टेक्नोलॉजी का उपयोग ज्यादा हो. उन्होंने कहा कि यहां जगह-जगह सिपाही खड़ा है, इस पर कमी लाई जाए और टेक्नोलॉजी बढ़ाई जाए. टेक्नोलॉजी देश में कहां कैसे उपलब्ध है इसके प्रस्तुतीकरण होते हैं.


जनवरी 2024 में रामलला होंगे विराजमान 


राम जन्मभूमि मंदिर में निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है. जनवरी 2024 में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने वाले हैं. इस वजह से बड़ी संख्या में दर्शनार्थी अयोध्या में रहेंगे, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहन मंथन हो रहा है. सरयू के तट पर बसे होने के कारण अयोध्या की सुरक्षा के लिए जल पुलिस के साथ वायु सुरक्षा और जगह-जगह वॉच टावर बनाए जाएंगे और ड्रोन कैमरे से भी निगाह रखी जाएगी. यही नहीं फिजिकल पुलिसिंग के बजाय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का किस तरह इस्तेमाल किया जाए, जिससे दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की समस्या ना आए इसको लेकर भी मंथन हुआ. इसके अलावा राम जन्मभूमि परिसर में स्पेशल फोर्स की तैनाती को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ. इस बात को लेकर चर्चा हुई कि कब और किस-किस जगह स्पेशल फोर्स की तैनाती की जाय, इसके लिए राम जन्मभूमि परिसर में निरीक्षण कर सुरक्षा पॉइंट भी निर्धारित किए गए. अयोध्या में तीन महत्वपूर्ण मेले भी होते हैं. रामनवमी मेला, सावन झूला मेला और कार्तिक पूर्णिमा स्नान इन तीनों में अब भीड़ बढ़ने लगी है, जिसे लेकर तैयारियां की गई है.


क्या कहा एडीजी ने?


एडीजी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि भव्य मंदिर निर्माण कार्य तेज गति के साथ चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में सुरक्षा तंत्र, मंदिर के एंट्री गेट को लेकर चर्चा हुई. इसके साथ ही मंदिर निर्माण के दौरान जो कार्यवाही करनी है, उस पर सहमति बनी. उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ी महत्वपूर्ण स्थल रहा है, यहा सरकार की नजर में हमेशा से रहा है. उसकी भी सुरक्षा व्यवस्था उसी तरीके से दुरुस्त की जाएगी. उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा के साथ समझौता न हो इसे लेकर काम किया जा रहा है. हर साल अयोध्या में रामनवमी का सावन झूला मेला और परिक्रमा कार्तिक मेला के लिए सुरक्षा योजना को लेकर प्लान बनाया गया. उन्होंने कहा कि अब यहां थोड़ी भीड़ बढ़नी शुरू हुई, जिसे लेकर सरकार जागरूक भी कर रही है. 


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