Ram Lala Darshan: रामलला आज हरे वस्त्रों में, सामने आई ये तस्वीर, 15 घंटे रामभक्त कर सकेंगे दर्शन
राम मंदिर में रामलला ने बुधवार को हरे वस्त्रों में भक्तों को दर्शन दिए. आज भक्तों को रामलला के 15 घंटे दर्शन होंगे.
Ram Lalla Darshan News: अयोध्या में रामलला ने बुधवार को भक्तों को हरे रंग के वस्त्रों में दर्शन दिए. हरे वस्त्र और मुकुट पहने रामलला आज भक्तों को 15 घंटे दर्शन देंगे. सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक रामलला भक्तों को दर्शन देंगे. दोपहर 12 बजे केवल भगवान की भोग और आरती के लिए मंदिर के पट 15 मिनट के लिए बंद होंगे. मंगलवार को भारी भीड़ के बाद अंदर बैरिकेडिंग कर दी गई है. ताकि भक्त लाइन में अंदर जाए. सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर के बाहर आज लाइन लगी हुई है. मंगलवार को जो अफरा-तफरी जैसा माहौल था. वह अब नहीं है. ग्रुप बनाकर भक्तों को गर्भगृह में भेजा जा रहा है.
सीएम योगी के सख्त निर्देश के बाद चेकिंग के बाद श्रद्धालुओं को रामजन्मभूमि पथ पर प्रवेश मिल रहा है. भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस ने मंगलवार रात में ही स्टील की मजबूत रेलिंग लगा दी है. और अब सुगमता के साथ राम भक्तों को दर्शन मिल रहा है.बता दें प्राण प्रतिष्ठा के तीसरे दिन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर रहे हैं. इससे पहले मंदिर ट्रस्ट ने बताया था कि अपने महा प्रासाद में भगवान श्री रामलला जी दिव्य आभूषणों और वस्त्रों से सज्ज होकर विराजमान हैं.
रामलला के आभूषणों में शीष पर मुकुट, कानों में कुंडल, कंठा, पदिक, वैजयन्ती, कमर में करधनी, भुजबंध, कंगन, मुद्रिका, पैरों में छड़ा और पैजनियां शामिल हैं. इसके अलावा भगवान के प्रभा मंडल के ऊपर स्वर्ण का छत्र लगा है.
इन दिव्य आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरिमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के उपरान्त किया गया है.
किसने बनाएं हैं रामलला के वस्त्र?
इस शोध के अनुरूप यतींद्र मिश्र की परिकल्पना और निर्देशन से, इन आभूषणों का निर्माण अंकुर आनन्द की संस्थान हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स, लखनऊ ने किया है.
भगवान बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के पटुके / अंगवस्त्रम में सुशोभित हैं. इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की ज़री और तारों से काम किया गया है, जिनमें वैष्णव मंगल चिन्ह- शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं. इन वस्त्रों का निर्माण श्री अयोध्या धाम में रहकर दिल्ली के वस्त्र सज्जाकार मनीष त्रिपाठी ने किया है.