Ram Mandir Pran Pratishtha: उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि का दूसरा दिन है. आज 17 जनवरी बुधवार को अपराह्न 1:20 के पश्चात जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक- कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा एवं भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा. यह जानकारी वैदिक विद्वान आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने दी है.


इससे पहले मंगलवार को रामजन्मभूमि स्थान पर निर्मित हुए श्री राम मन्दिर में 22 जनवरी के प्रतिष्ठा महोत्सव के अन्तर्गत् 16 जनवरी को अनिल मिश्रा ने सांगोपांग सर्व प्रायश्चित्त किया तथा सरयू नदी में स्नान किया. विष्णुपूजन करके पञ्चगव्य एवं घी से होम कर पंचगव्यप्राशन किया. द्वादशाब्द पक्ष से प्रायश्चित स्वरूप गोदान किया. दशदान के पश्चात मूर्ति-निर्माण स्थान पर कर्मकुटी होम किया. 


यह कार्यक्रम भव्यता के साथ संपन्न हुआ. हवन के समय आचार्य वैदिकप्रवर लक्ष्मीकान्त दीक्षित मौजूद रहे. मण्डप में वाल्मीकि रामायण व भुशुण्डिरामायण का आरम्भ हुआ.


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दीगर है कि  अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह मंगलवार को शुरू हो गया. मंदिर न्यास के एक सदस्य और उनकी पत्नी की अगुवाई में इस दौरान कई अनुष्ठान हुये. मंगलवार से शुरू हुए अनुष्ठान नए मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ संपन्न होंगे.


राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, 'अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा. 11 पुजारी सभी ‘देवी-देवताओं’ का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं.' इस महीने की 22 तारीख तक चलने वाले अनुष्ठान में यजमान मंदिर न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा हैं. अनिल मिश्रा ने स्वयं इसकी पुष्टि की है.


आमतौर पर, यजमान पूजा कार्यक्रम का मुख्य ‘मेजबान’ होता है. यजमान की ओर से ही प्रार्थना की जाती है. मिश्रा को सभी दिन अनुष्ठान में भाग लेना होगा, जिसमें 22 जनवरी का कार्यक्रम भी शामिल है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.


समारोह को संबोधित कर सकते हैं पीएम
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आखिर में मोदी भाषण देंगे जिसमें 8,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.


हालांकि, उनमें से कुछ लोगों को ही मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने की अनुमति होगी. ट्रस्ट ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सात अधिवास हैं.


अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन 121 आचार्य कर रहे हैं और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय एवं निर्देशन कर रहे हैं. प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे. आने वाले दिनों में तीर्थ पूजन, जल यात्रा और गंधाधिवास जैसे अनुष्ठान होंगे. इसमें सोमवार को प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन हुआ.