UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के साथ-साथ जिले की आध्यात्मिक और व्यवस्थित छवि निर्माण की भी तैयारी है. इसके लिए कुछ मेगा प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं. इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में कई ऐसी हैं, जो बेहद खास है और अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगी. यहां फाउंटेन पार्क (Fountain Park) श्रद्धालुओं को अयोध्या में आध्यात्मिक वातावरण का एहसास कराएगा तो वहीं टेंपल म्यूजियम (Temple Museum) भारत के शीर्ष मंदिरों की निर्माण शैली के अलावा समय के साथ मानव के सांस्कृतिक विकास पर भी प्रकाश डालेगा.
अयोध्या के 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे गुप्तार घाट से नए घाट के बीच एक फाउंटेन पार्क बनाने की योजना है. यह स्थान सरयू नदी से बेहद नजदीक है. कमल के आकार के इस फाउंटेन पार्क के फव्वारे से निकलने वाले पानी को वापस सरयू में डाल दिया जाएगा. यहां बड़ी संख्या में लोगों के बैठने की और अयोध्या की आध्यात्मिक छवि को महसूस करने की व्यवस्था होगी. हालांकि, यह परियोजना अभी तक कागज में ही है और इसके लिए वीडिंग भी नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि इस परियोजना को अमल में लाने को लेकर तेजी से विचार विमर्श हो रहा है.
अभी प्रारंभिक चरण में है काम
जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने कहा कि यह अभी प्रारंभिक चरण में है. अभी इसको डॉक्यूमेंट के साथ फ्लोट किया गया है और लैंड अभी हम लोग उसको देंगे. फिर एडीए उसको कंपटेटिव बीड करेगी. इसके बाद कंपनियां उसमें पार्टिसिपेट करेंगी. फाउंटेन पार्क एक बड़े स्तर पर अद्भुत प्रयास किया जा रहा है, उसको बनाएंगे और उसमें मॉडल्स रहेंगे, उसमें थीम भी रहेगा. बहुत ही बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है, डॉक्यूमेंट फिर फ्लोट होगा उसके बाद डिजाइन फाइनल होगा, लोटस के डिजाइन है और भी अच्छे से यह वर्ल्ड क्लास लेवल का है.
राम मंदिर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर टेंपल म्यूजियम भी बनाने की तैयारी है. इसके लिए 25 एकड़ भूमि राम मंदिर के इर्द-गिर्द के चार स्थानों पर चिह्नित की गई है. निर्माण एजेंसी के लोग शीघ्र ही इन जमीनों को देखेंगे, जो जमीन और लोकेशन सबसे उपयुक्त होगा, उसी स्थान पर टेंपल म्यूजियम बनाया जाएगा. यह टेंपल म्यूजियम निर्माण की अलग-अलग शैली समेत देशभर के विख्यात मंदिरों की शैली पर अध्ययन करने में मदद करेगा. इस संग्रहालय में अलग-अलग शैली के मंदिरों से जुड़े पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा. जैसे- मंदिर का डिजाइन, विशिष्टता, वास्तुकला, निर्माण प्रक्रिया आदि को अलग-अलग माध्यमों से समझने के लिए दीर्घा बनाई जाएगी. इसको लेकर हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी ब्रीफिंग दी गई थी.
विश्व स्तर का बनेगा टेंपल म्यूजियम
जिलाधिकारी ने बताया कि टेंपल म्यूजियम की योजना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि हिंदुस्तान में जितने भी मंदिर रहे हैं, उसका कैसे आर्किटेक्ट रहे हैं, उसका आर्किटेक्चर कैसा रहा है और उसके आर्किटेक्ट ने किस साइंटिफिक टेंपरामेंट से उसको बनाया था, क्या उसके पीछे अवधारणा रही है, कैसे उस समय भी उसे इतनी ऊंचाई दी गई थी और क्या शैली रही, जैसे अपने यहां नगर शैली है, द्रविड़ शैली है, सब शैली की कौन सी प्रसिद्ध रचनाएं रही हैं और उस समय जो बेहतर मंदिर बने थे, उन्होंने कौन सी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की थी उसकी विषय वस्तु क्या थी, सब को रेखांकित करते हुए एक बेहतर निर्माण किया जाएगा.
नीतीश कुमार ने बताया कि टेंपल म्यूजियम का, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की अवधारणा है कि इसमें बेहतर सांस्कृतिक रूप से प्रतिनिधित्व मिल पाए. मंदिर से इतिहास को रेखांकित करता हुए सारे बिंदु पता लग जाते हैं. इससे पता चल जाता है कि मानव का सांस्कृतिक विकास कैसे हुआ तो सांस्कृतिक विकास भी उसमें उकेरा जाता है, उसको सबको समाहित किया जाएगा और इसे विश्व स्तर का बनाया जाएगा. इसके लिए हम लोगों ने 25 एकड़ भूमि अलग-अलग चार स्थानों पर चिह्नित की है. इसके बाद जो टीम आएगी, वह इसका निरीक्षण करेगी और सॉइल टेस्टिंग करेगी कि कौन सी जमीन और लोकेशन सबसे उपयुक्त है. उसके बाद इस पर काम होगा.
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