UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में लगभग तीन सालों के अथक प्रयास के बाद अब श्री राम जन्मभूमि मंदिर की मनमोहक झलक मिलने लगी है. लगभग चार साल पहले 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर (Ram Mandir) के पक्ष में फैसला आया और 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भूमि पूजन कर मंदिर की नींव रखी थी. उसके बाद से कोरोनाकाल समेत कई छोटी-मोटी मुश्किलों को पार करते हुए अब श्री राम मंदिर के भूतल का कार्य लगभग पूरा होने की कगार पर है.


31 दिसंबर 2023 तक खिड़की, दरवाजों और फर्श समेत मंदिर कि फर्निशिंग का कार्य पूरी तरह पूरा हो जाएगा. मकर संक्रांति यानि 15 जनवरी के बाद कभी भी रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की उनके गर्भ ग्रह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी. इसी के बाद भक्त राम लला का उनके भव्य मंदिर में दर्शन कर सकेंगे. पिछले तीन सालों में निर्मित हुआ रामलला का मंदिर भव्य और विशाल के साथ-साथ खूबसूरती से बनाया गया है.


भूकंप से भी नहीं होगा राम मंदिर को नुकसान


धर्म नगरी अयोध्या में मंदिर की झलक अभी से ही दिखने लगी है. राम मंदिर को खूबसूरत पत्थरों की नकाशी करके तैयार किया जा रहा है. इस मंदिर को 100 सालों तक किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हो सकता है. इस मंदिर को भूकंप से भी किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा.


दुनिया के 3 बड़े हिंदू मंदिरों में से एक होगा राम मंदिर


बता दें कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य जब पूरा हो जाएगा तब यह दुनिया के 3 बड़े हिंदू मंदिरों में से एक होगा. अभी मंदिर के खंबों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के धागे में पूरे भारत वर्ष को पिरोया जाएगा. 


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