Ramlala Pran Pratishtha: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की क्या होगी विधि, किस दिन क्या है कार्यक्रम, यहां पढ़े पूरी डिटेल
Ayodhya News: अयोध्या में रामलला की होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह की डिटेल जानकारी मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने दी है. उन्होंने बताया कि विधिवत कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू होगा.
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर के करीब 8,000 मेहमान होंगे. इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे. हालांकि 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरूआत 16 जनवरी से हो जाएगी. इसी विस्तृत जानकारी मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने दी है.
सत्येंद्र दास ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में बहुत कुछ करना पड़ता है. इसलिए पूजा पहले से प्रारंभ हो जाएगी. 14 जनवरी को खरमास खत्म हो जाएगा तो 15 या 16 जनवरी से वो कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. इसमें पहले तमाम देवी देवताओं पूजा होती है. नवग्रह की पूजा होती और दिशाओं की पूजा होती है. इसके बाद मूर्ति का नगर भ्रमण कराना होता है, नहीं तो परिसर भ्रमण कराएंगे.
किस दिन क्या है कार्यक्रम?
16 जनवरी- इस दिन से रामलला के विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान भी शुरू हो जाएगा.
17 जनवरी- इस दिन से रामलला की प्रतिमा को नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा.
18 जनवरी- इस दिन से प्राण-प्रतिष्ठा की विधि आरंभ होगी. मंडप प्रवेश पूजन, वास्तु पूजन वरुण पूजन, विघ्नहर्ता गणेश पूजन और मार्तिका पूजन होगा.
19 जनवरी- राम मंदिर में यज्ञ अग्नि कुंड की स्थापना की जाएगी. खास विधि द्वारा अग्नि का प्रज्वलन होगा.
20 जनवरी- राम मंदिर के गर्भगृह को 81 कलश, जिसमें अलग-अलग नदियों के जल इक्ट्ठा किए हैं उनसे पवित्र किया जाएगा. वास्तु शांति अनुष्ठान होगा.
21 जनवरी- इस दिन यज्ञ विधि में विशेष पूजन और हवन के बीच राम लला का 125 कलशों से दिव्य स्नान होगा.
22 जनवरी- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस दिन मध्यकाल में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की महापूजा होगी.
मुख्य पुजारी ने कहा, 'प्राण प्रतिष्ठा के पहले सारी प्रक्रियाएं होंगी. 22 जनवरी को सब काम पूरे रहेंगे उस दिन केवल प्राण प्रतिष्ठा की जो विधि है उसी को संपन्न करेंगे. उसी दिन प्रधानमंत्री भी आएंगे. पीएम के जरिए क्या करेंगे ये जो आचार्य आएंगे वही बताएंगे. आचार्य के निर्देश पर भगवान के आंखों की पट्टी को खोलेंगे. पट्टी खोले के बाद सीसा दिखाएंगे. सके बाद सोने की सींक से उनको काजल लगाएंगे.'