Ram Mandir Inauguration: भगवान राम के स्वागत में गुलजार हुई अयोध्या, कलाकारों ने दर्शकों को किया भाव विहोर
Ramlala Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले रविवार को अयोध्या नगरी में उत्सव का माहौल दिखा. देश भर से आए लोक नर्तक नृत्य कर रहे हैं और राहगीर वीडियो बनाते दिखें.
Ramlala Pran Pratishtha: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले रविवार को अयोध्या नगरी में उत्सव का माहौल दिखा जहां ‘बधावा’ से ‘घूमर’ तक के कई लोक नृत्य, लाउडस्पीकर पर गूंजते भगवान राम को समर्पित गीत और श्रीराम, सीता और हनुमान की वेश-भूषा में सजे लोगों के प्रति राहगीर बरबस ही आकर्षित होते दिखे. फूलों तथा रोशनी के साथ भगवा ध्वज से सजी गलियां भी लोगों का मन मोह रही थीं. कुल मिलाकर मंदिरों का शहर अयोध्या गुलजार है.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले राम पथ पर कई स्थानों पर छोटे मंच बनाए गए हैं. देश भर से आए लोक नर्तक अलग-अलग नृत्य कर रहे हैं और राहगीरों को रुककर वीडियो बनाते और सेल्फी लेते देखा जा सकता है. उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहरभर में किए जा रहे लोक नृत्यों में बधावा, चरी, घूमर, धोबिया, राई, रासलीला, मयूर, ख्याल नृत्य और सतारिया शामिल हैं. राम मंदिर की ओर जाने वाली सड़कें एक ‘लघु भारत’ की तरह दिख रही हैं. इसी तरह का नजारा 22 जनवरी को भी दिखेगा.
रामयाण के पात्रों में नजर आए कलाकर
गाते और नाचते भक्तों के समूह, रामायण के पात्रों के रूप में सजे हुए लोग और फूलों व पोस्टरों से सजे छोटे वाहन, जिन पर भगवान राम की तस्वीर लगाई गई है, पवित्र शहर की सड़कों पर रविवार को यह एक आम दृश्य था. सोमवार को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मंदिर के मुख्य द्वार पर हजारों लोग एकत्र थे, जो पूरी तरह से फूलों से ढंका हुआ है.
'शब्दों में बयान नहीं की जा सकती खुशी'
राजस्थान का लोक नृत्य ‘घूमर’ प्रस्तुत करने वाली प्रज्ञा दीवान ने कहा कि हम हर साल भगवान राम की अयोध्या वापसी के उपलक्ष्य में दिवाली मनाते हैं और यहां यह अब तक की सबसे बड़ी दिवाली है. इसे क्यों नहीं धूमधाम से मनाया जाए? यहां के धार्मिक माहौल को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता या केवल कैमरे में दर्ज नहीं किया जा सकता है.
'राम भक्तों से मिला प्यार अकल्पनीय'
रासलीला प्रस्तुत करने वाले समूह में शामिल एक अन्य कलाकार उमापति ने कहा कि प्रदर्शन करने के लिए इससे बेहतर वैश्विक मंच नहीं हो सकता है और भक्तों से हमें जो प्यार मिल रहा है वह अकल्पनीय है. लोग हमारे लिए चाय और भोजन ला रहे हैं, शायद ‘राम राज्य’ इसी तरह का होता है.