Ayodhya News: उत्तर प्रदेश (UP) के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला जनवरी 2024 में विराजमान हो जाएंगे. उनके बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा गर्भ गृह में 15 जनवरी से 24 जनवरी के बीच होगी. इस भव्य कार्यक्रम में राम मंदिर ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भी आमंत्रित किया है. इसी को बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के पूर्व पक्षकार रहे हाजी महबूब 2024 का प्लान बता रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन और ज्ञानवापी को लेकर हाजी महबूब कहते हैं, कुछ ना कुछ ऐसा कर देंगे कि हिंदुओं का वोट समेट ले जाएंगे.


वहीं अयोध्या के कुछ मुखर संत उनकी चिंता को यह कहकर बढ़ा रहे हैं कि जिस प्रकार से अयोध्या में भव्य दिव्य राम जन्मभूमि मंदिर बन रहा है, मंदिर निर्माण कार्य चल रहा है, उसी प्रकार से ज्ञानवापी पर भी भव्य मंदिर का हम निर्माण करेंगे. इसके बाद मथुरा की भी बारी है. अब सवाल है कि क्या सचमुच बीजेपी का 2024 प्लान यही है और क्या हाजी महबूब ने तो चिंता जाहिर कर दी लेकिन विपक्ष की भी चिंता यही है?


पूर्व नियोजित योजना के अनुसार चल रहा मंदिर का काम


अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का कार्य पूर्व नियोजित योजना के अनुसार चल रहा है इसीलिए राम मंदिर ट्रस्ट ने साफ कर दिया है कि मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 15 जनवरी से 24 जनवरी 2024 के बीच की जाएगी. इस दौरान एक सप्ताह से अधिक समय तक पूजन पाठ अनुष्ठान का वृहद कार्यक्रम भी होगा और प्राण प्रतिष्ठा के समय देशभर के गांव-मंदिरों में जन जागरूकता के साथ पूजा-पाठ होगा.


राम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है. आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्री राम मंदिर का भूमि पूजन किया था और उस समय उन्होंने अस्थाई मंदिर में साष्टांग प्रणाम भी किया था, जिसकी खूब चर्चा हुई थी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि प्रधानमंत्री को निवेदन का एक पत्र हमने भेज दिया है, उसमें यह लिखा है कि आप आएंगे तो दुनिया में हिंदुस्तान का सम्मान बढ़ेगा. 15 जनवरी से लेकर 24 जनवरी के मध्य कभी भी अपने व्यस्त कार्यक्रम में से थोड़ा सा समय निकाल लीजिए.



2024 में होना है लोकसभा चुनाव


जनवरी 2024 में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के कुछ समय बाद ही लोकसभा का चुनाव होना है. पीएम मोदी जब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे तो जाहिर है पूरे देश में इसकी चर्चा होगी इसीलिए बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार हाजी महबूब इसे 2024 का चुनावी प्लान बता रहे हैं. वह कहते हैं इसके जरिए पूरे हिंदुस्तान में चर्चा चलाएंगे. ऊपर से ज्ञानवापी मामले को लेकर जिस तरह के डेवलपमेंट हो रहे हैं, उससे भी उनकी चिंता बढ़ गई है.


हाजी महबूब आशंका जाहिर करते हैं कि अयोध्या और ज्ञानवापी को लेकर कुछ न कुछ ऐसा कर देंगे कि हिंदू भाइयों का वोट समेट ले जाएंगे, हालांकि आज भी हाजी महबूब श्री राम जन्मभूमि मंदिर को मंदिर नही मानते और उसे मस्जिद ही कहते हैं इसलिए वह मंदिर नहीं मस्जिद के उद्घाटन की बात कह रहे हैं. हाजी महबूब ने कहा कि जहां तक 2024 के चुनाव का मसला है, जनवरी में प्रधानमंत्री आ रहे हैं उद्घाटन करने, मस्जिद का उसी को लेकर पूरे हिंदुस्तान में चर्चा चलाएंगे. उससे क्या लगता है कुछ वैसा ही ज्ञानवापी का भी है, कुछ ना कुछ कर देंगे और हिंदू भाइयों का वोट समेट ले जाएंगे, यही इनका मकसद है.


हनुमानगढ़ी के महंत ने क्या कहा?


इस पर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में पुनः कोर्ट का आदेश हुआ है, सर्वे होना चाहिए, हम लोग शुरू से कह रहे थे हमको संविधान के ऊपर भरोसा है और हम लोग संवैधानिक तरीके से लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ाई लड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी सर्वे को लेकर लेकिन पुनः हाईकोर्ट ने अनुमति दिया है. समय कम कर दिया गया है. इतनी जल्दी रिपोर्ट को जमा करना है मुझको संविधान के ऊपर भरोसा है. भोले बाबा की कृपा है. भोले बाबा जग चुके हैं और सावन का महीना चल रहा है और अधिक मास चल रहा है.


राजू दास ने आगे कहा कि सनातनी का जो भाव है, उस भाव को भी समझना चाहिए. आक्रांताओं के बल पर काम चलने वाला नहीं है. आक्रांताओं ने हमारी मंदिर को तोड़ा लेकिन जिस तरह से प्रजातंत्र की व्यवस्था है, डेमोक्रेसी है, संविधान का राज्य है. संविधान के राज्य में भी हमारे साथ ऐसा दुर्व्यवहार समझ में नहीं आ रहा था लेकिन कोर्ट को साधुवाद धन्यवाद और जिस प्रकार से अयोध्या में भव्य दिव्य राम जन्मभूमि मंदिर बन रहा है. मंदिर निर्माण कार्य चल रहा है, उसी प्रकार से ज्ञानवापी पर भी भव्य मंदिर का हम निर्माण करेंगे. इसके बाद मथुरा की भी बारी है.


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