Ram Mandir Opening: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस हाईकमान द्वारा राम मंदिर के उद्घाटन और राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ससम्मान अस्वीकार करने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कांग्रेस के इस कदम को हिन्दू विरोधी राजनीतिक का घटिया एजेंडा बताया है. 


सोशल मीडिया साइट एक्स पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- श्रीरामलला के प्राणप्रतिष्ठा का न्यौता कांग्रेसी मानसिकता के अनुसार खुलेआम ठुकराकर कांग्रेस पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव में हिन्दू विरोधी घटिया राजनीति का एजेंडा सेट किया है!


बता दें कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि यह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का आयोजन है तथा ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है.



पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं तथा धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक ‘राजनीतिक परियोजना’ बना दिया है.


आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं खरगे, सोनिया और चौधरी को निमंत्रित किया गया था.


'एक राजनीतिक परियोजना बना दिया...'
रमेश ने कहा, 'पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला.'


उन्होंने दावा किया, 'भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है.'


कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि एक ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है.


रमेश ने कहा, '2019 के माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं.'


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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था और हिंदुओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले शहर में एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड मुहैया कराने का आदेश दिया था.


इसके परिणामस्वरूप, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम शुरू हुआ. आगामी 22 जनवरी को 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे.