UP Politics: यूपी में बीजेपी ने अयोध्या से किया 2024 का शंखनाद! जातिवाद की राजनीति को यूं मिलेगी मात?
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी 2024 की राजनीति अब सागर से सरयू तक एकरूप में जोड़ने की कोशिश कर रही है.
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Ram Mandir Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के उद्घाटन किया. इसके साथ ही बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का भी बिगुल बजा दिया, जो पूरे देश में विपक्षी दलों की राजनीति को एक बड़ी चुनौती दे रहा है. पीएम ने उद्घाटन के बाद जो संदेश दिया उसमें सागर से सरयू तक राम उत्सव की बात कही. इसका सीधा संदेश यह जा रहा है बीजेपी ने दक्षिण की चाबी अयोध्या में खोज ली है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अवध नगरी राम नाम की हुंकार के बाद अब बीजेपी के लिए उत्तर से दक्षिण के द्वार को खुलते हुए दिखाई दे रहे हैं. यही नहीं इसकी काट ढूंढना विपक्षी दलों के लिए आसान नहीं होगा. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिस तरह की तैयारियाँ की गई और अब पूरे देश से रामभक्तों को अयोध्या लाने की तैयारी की गई है, उसके जरिए अगर पीएम उत्तर से दक्षिण तक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का शंखनाद करते दिखें तो हैरानी नहीं होगी.
विरोधियों को मात देने की तैयारी
अयोध्या में बने अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डा नाम देना हो या फिर राम मंदिर परिसर में भगवान गणेश, हनुमान और जटायु की मूर्ति के साथ ऋषि अगस्त्य, वशिष्ठ, वाल्मीकि, विश्वामित्र, निषादराज, शबरी, अहिल्या के भी मंदिर बनवाने की योजना से साफ़ होता है कि इसके ज़रिए हर समाज के लोगों के साथ उत्तर से दक्षिण को साधने की तैयारियां की गई है. इसके ज़रिए विपक्ष की जातिवाद की राजनीति को भी मात देने की तैयारी की गई है.
उत्तर से खुलेगा दक्षिण का द्वार
प्राण प्रतिष्ठा के बीच सिर्फ़ अयोध्या ही नहीं पूरा देश राममय है. पीएम मोदी भी उद्घाटन से ग्यारह दिन पहले से ही अध्यात्मिक यात्रा में जुटे रहे. प्राण प्रतिष्ठा से पहले उन्होंने दक्षिण भारत के विभिन्न मंदिरों में पूजा-पाठ और अनुष्ठान किए. पीएम मोदी की दक्षिण यात्रा भी एक अलग संदेश देने की कोशिश करती है.. दक्षिण भारत में अयोध्या से भेजे गए अक्षत को बेहद श्रद्धा भाव के साथ स्वीकार किया गया है.
प्राण प्रतिष्छा से पहले पीएम मोदी ने जिस तरह से हनुमान, केवट, भगवान श्री गणेश, जटायु और शबरी के नाम पर डाक टिकट जारी किए उससे भी राम नाम के जरिए पूरे देश को जातिवाद से ऊपर उठकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से जोड़ने की राजनीति दिखाई देती है, जिसके ज़रिए विरोधियों की क्षेत्रवाद और जातिवाद की राजनीति को मात देने की तैयारी है. जिस तैयारी के साथ साथ पूरे भारत को जोड़ने की कोशिश की गई है, उससे साफ़ है कि इस बार एक बड़ी जीत की तैयारी की गई है.
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