UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को राम भक्तों को बड़ी सौगात दी है. यह सौगात जो है दर्शन मार्ग के रूप में है. अब राम भक्तों को कम दूरी तय करके भगवान रामलला का दर्शन पूजन कर सकेंगे. लगभग 500 मीटर की दूरी कम की गई है. यह मार्ग बिरला धर्मशाला के सामने से बनाया गया है. इस मार्ग का नाम जन्मभूमि पथ है. अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर में जाने के लिए चार पथ बनाए गए हैं. पहला राम पथ, दूसरा भक्ति पथ, तीसरा जन्मभूमि पथ और चौथा सुग्रीव पथ है.
लोग चारों पथ से हो करके अपने आराध्य प्रभु श्री राम का दर्शन पूजन कर सकेंगे. राम भक्तों के लिए रविवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जन्मभूमि पथ का शुभारंभ कर दिया है. अब बड़े ही सरलता और सुगमता के साथ राम भक्त अपने आराध्य प्रभु श्री राम का दर्शन कर सकेंगे. बिरला धर्मशाला से महज 600 मीटर की दूरी तय करके अपने आराध्य प्रभु श्री राम का दर्शन पूजन कर सकेंगे.
पहले भी चल रहा था यह मार्ग
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दर्शन करने के लिए अब दर्शनार्थियों को आधा किलोमीटर दूरी कम चलना पड़ेगा. दर्शनार्थियों को बिरला धर्मशाला के सामने से जन्मभूमि पथ से रामलला का दर्शन कर सकेंगे महज 600 मीटर दूरी तय करके भगवान रामलला का दर्शन पूजन कर सकेंगे. यह मार्ग पहले भी चल रहा था लेकिन राम कचहरी होते हुए रंग महल और फिर दर्शन मार्ग से राम मंदिर में प्रवेश करते थे. वहीं दर्शनार्थी अब महज 600 मीटर की दूरी तय करके दर्शन पूजन कर सकेंगे और जो पुराना मार्ग है, उसको मंदिर निर्माण कार्य में उपयोग किया जाएगा.
दर्शन मार्ग के लिए कर सकेंगे एंट्री
चंपत राय ने कहा कि दर्शन करने के लिए पैदल आने वाले यात्रियों की दूरी आधा किलोमीटर कम कर दी गई है. दर्शन के लिए जिस मार्ग से प्रवेश करेंगे, वह मार्ग आधा किलोमीटर छोटा हो गया है. अभी तक दर्शनार्थियों को राम कचहरी के सामने से होता हुआ रंग महल के सामने से प्रवेश करके और दर्शन मार्ग पर आना पड़ता था. यह दूरी लगभग आधा किलोमीटर अधिक थी, अब दर्शनार्थियों को बिरला मंदिर के सामने से नई बनाई जाने वाली सड़क पर आना है और अमावा मंदिर के पीछे से होते हुए दर्शन मार्ग के लिए प्रवेश करेंगे. पुराना परंपरागत मार्ग मंदिर निर्माण कार्य में उपयोग होना शुरू हो जाएगा अर्थात वह हटा दिया जाएगा.
चंपत राय ने और क्या बताया?
राय ने आगे कहा कि दर्शनार्थियों को आधा किलोमीटर दूरी पैदल चलने में कम होगी और पुलिस के अवरोध भी घट गए. बिरला मंदिर तक आने के लिए इस सड़क तक आने के लिए प्रशासन की रोक-टोक भी कम है. बिरला मंदिर तक सभी लोग अपने वाहन से आ सकते हैं और वहां पर वाहन से उतर कर नई बनाए जाने वाली सड़क पर इसका नाम राम जन्मभूमि पथ है 600 मीटर दूरी चलना पड़ेगा फिर मंदिर में प्रवेश हो जाएगा. आज दर्शन मार्ग का परिवर्तन इतनी ही सूचना है, जनता को यह मार्ग मालूम है एक साल से जनता इधर से ही आ रही है. केवल अमावा मंदिर के बगल से प्रवेश करके राम कचहरी जाती थी. राम कचहरी से होते हुए रंग महल दर्शन मार्ग पर प्रवेश करती थी. अब अमावा मंदिर पर सीधे चलेगी और दर्शन के लिए प्रवेश हो जाएगा.
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