Ayodhya News: पौराणिक कथाओं में आपने श्रवण कुमार की कहानियों को तो अवश्य ही पढ़ा और सुना होगा और ऐसा कहा जाता है कि इतिहास अपने आपको दोहराता जरूर है. माता- पिता का भक्ति का एक ऐसा ही उदाहरण बिहार के खगड़िया जिले से सामने आया है. खगड़िया जिले से एक व्यक्ति अपने माता-पिता को पालकी में बैठाकर कंधे पर लेकर रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचे हैं और जब यह अपने माता-पिता को लेकर जिन-जिन रास्तों से गुजर रहे हैं वहां लोग कौतूहल बस उनको निहारते रहे जा रहे हैं.
खगड़िया जिले के नवादा गांव के निवासी अमरजीत कुमार जिनको श्रवण कुमार की फिल्म देखने के बाद प्रेरणा मिली कि वह भी अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर लेकर जाए और वह एक डंडे के सहारे दो पल्ले में अपने माता और पिता को बैठाकर निकल पड़े राम लला के दर्शन कराने अमरजीत का साफ तौर पर कहना है कि श्रवण कुमार के माता-पिता तो सरयू स्नान नहीं कर पाए थे और उनकी तीर्थ यात्रा भी नहीं पूरी हुई थी लेकिन वह अपने माता-पिता को रामलला के दर्शन भी कराएंगे और मां सरयू का स्नान भी करेंगे.
प्रशासन ने की व्यवस्था
22 जनवरी 2024 को प्रभु श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर राम भक्त अपने अलग-अलग श्रद्धा भाव से भगवान श्री रामलला का दर्शन पूजन करने आ रहा है. कोई सैकड़ो किलोमीटर से साइकिल पर सवार होकर आ रहा है तो कोई पैदल ही चला चला रहा है तो कोई श्रवण कुमार की तरह अपने माता-पिता को पालकी में बैठाकर करके भगवान श्री राम का दर्शन करने आ रहा है.
ऐसे सैकड़ो राम भक्त हैं जो अब तक प्रभु श्री राम का दर्शन पूजन भी कर चुके हैं. अभी भी लगातार श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने का सिलसिला जारी है. हर दिन लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. वहीं श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यवस्थाएं कर रखी हैं.
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