Ayodhya News: रामलला के मंदिर गर्भगृह के पत्थरों की तराशी का काम तेज हो गया है. राजस्थान और आगरा के कारीगर पत्थरों पर नक्काशी कर रहे हैं. एक पत्थर की नक्काशी पर तीन महीने का समय लगेगा. साल 1990 से राम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला पर तरास कर रखे गए गर्भ गृह के पत्थरों पर नक्काशी की जा रही है. बता दें कि राम जन्म भूमि परिसर में मंदिर निर्माण के निमित्त सबसे पहले रामलला का गर्भ ग्रह बनाया जाएगा. खास बात ये है कि एक जून को रामलला के गर्भगृह की प्रथम शिला का मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ पूजन करेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस दिन गर्भगृह निर्माण की पहली शिला रखेंगे. 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. 5 अगस्त 2020 को प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला के गर्भगृह के निर्माण की शिला रखेंगे. श्रीराम मंदिर के चबूतरे के निर्माण में 17000 ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया जाना है. इस चबूतरे में लगाए जाने वाले 17000 में से 5000 पत्थर अभी तक लगाए जा चुके हैं.
सफेद संगमरमर का किया जाएगा प्रयोग
मंदिर के गर्भगृह क्षेत्र के अंदर राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद संगमरमर का प्रयोग किया जाएगा. मकराना संगमरमर की नक्काशी का कार्य प्रगति पर है और इनमें से कुछ नक्काशीदार संगमरमर के ब्लॉक भी अयोध्या पहुंचने लगे हैं. मंदिर के गर्भगृह क्षेत्र के अंदर राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद संगमरमर का प्रयोग किया जाएगा. मकराना संगमरमर की नक्काशी का कार्य प्रगति पर है और इनमें से कुछ नक्काशीदार संगमरमर के ब्लॉक भी अयोध्या पहुंचने लगे हैं.
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