Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच हर कोई मंदिर निर्माण में बढ़-चढ़कर अपना योगदान देना चाहता है.  इसी दिशा में किन्नर समाज ने भगवान राम के मंदिर निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है. अयोध्या में अपने राम के उत्सव में किन्नर भी योगदान करेंगे. श्रीराम मंदिर में श्री रामलला के विग्रह प्रतिष्ठा का शुभ शगुन लेकर किन्नर भी आएंगे.

 

श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर किन्नरों में भी उल्लास का माहौल है.  राम के इस महोत्सव में किन्नर समाज भी खुद को अलग नहीं कर पा रहे हैं. बस्ती जिले में रहने वाले किन्नरों के समूह ने अपनी भूमिका तय कर ली है. विग्रह प्रतिष्ठा का न्योता किन्नर भी बांटेंगे. इसमें उनकी मददगार बन रही है इंदिरा चैरिटेबल ट्रस्ट. यह श्रीराम जन्म भूमि न्यास समिति से संपर्क कर किन्नरों को अवध का हल्दी और अक्षत उपलब्ध कराएगी.

 

घर-घर न्योता देगा किन्नर समाज 

किन्नर कॉजल और किन्नर सुमन इस कार्यक्रम की अगुवाई करेंगी. उनके नेतृत्व में सभी किन्नर अपने क्षेत्र के यजमान के घर जाएंगे, द्वार- द्वार मंगल चारण होगा. किन्नर खुद शुभ शगुन लेकर नृत्य, कीर्तन कर पहले जन-जन को प्रभु राम से जोड़ेंगे. माहौल राममय बनाने के बाद लोगों से श्री राम विग्रह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को भव्य स्वरूप देने के लिए अनुरोध करेंगे. किन्नरों का प्रयास है कि इस महोत्सव में जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित हो.

 

किन्नरों को भगवान राम से मिला है वरदान

वैसे तो किन्नर समाज को भगवान राम का वरदान प्राप्त है, रामायण में वर्णित है कि जब प्रभु राम 14 वर्ष के लिए वनवास के लिए जा रहे थे तो कहा जाता है अयोध्या वासी भी उनके साथ चल रहे थे, फिर कुछ दूर साथ चलने के बाद भगवान राम ने सभी अयोध्या वासी को वापस जाने को कहा, प्रभु राम ने कहा कि सभी नर और नारी अब अपने घर को वापस लौट जाए, और प्रभु इतना कहकर वनवास को चले गए इसके बाद जब भगवान राम चौदह साल बाद वनवास काटकर वापस लौटे तो उन्होंने किन्नरों को उसी जगह खड़ा देखा जहां से उन्होंने सभी अयोध्या वासी नर नारी को वापस जाने को कहा था.  

 

इसके बाद राम जी ने किन्नरों से पूछा आप लोग चौदह साल तक यहां पर क्यों खड़े रहे जब कि उन्होंने सबको वापस जाने को बोला था, तो किन्नरों ने जवाब दिया वे न नर है न नारी, इसलिए आपके बिना आज्ञा के वे वापस नहीं गए. इसके बाद ही भगवान राम ने किन्नरों को वरदान दिया कि कलयुग में आप को इतना सम्मान मिलेगा कि आप जिसे चाहे आशीर्वाद दो और जिसे चाहे श्राप दे दो, आपके आशीर्वाद से कोई भी फले फूलेगा और श्राप से कोई भी पापी नष्ट हो जायेगा. भगवान राम के द्वारा दिए गए इसी वरदान की वजह से आज किन्नरों का समाज में अस्तित्व है.