Ayodhya News: साल 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. राम मंदिर को इतना भव्य बनाया जा रहा है कि हर रामनवमी को रामलला का सूर्याभिषेक हो सके, यानी कि सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर पड़ सकें पर 2024 में भक्तों को यह अनुभूति नहीं हो पाएगी. श्रद्धालुओं को इस विशेष सूर्याभिषेक के लिए 2025 का इंतजार करना होगा. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार मंडप से 35 फीट दूरी से सिर्फ रामनवमी को दोपहर 12:00 बजे कुछ मिनट तक श्रद्धालु सूर्याभिषेक के दर्शन पाएंगे.


क्या है कारण, कैसे होगा सूर्याभिषेक


रामलला का सूर्याभिषेक ना हो पाने का कारण मंदिर का काम पूर्ण होना बताया जा रहा है. सूर्याभिषेक तभी हो पाएगा जब मंदिर का काम शिखर तक पूरा हो जाएगा. शिखर का काम पूरा होने में दिसंबर 2024 तक का समय लग जाएगा. शिखर बनने के बाद ऊपरी तल पर विशेष झरोखे का भी निर्माण किया जाएगा और इसी झरोखे से आने वाली सूर्य की किरणों से सूर्याभिषेक होगा. राम मंदिर निर्माण में वैज्ञानिकों की विशेष टीम की ऐसा एंगल सेट कर रही है, जहां सेट किए गए शीशे से परावर्तित कर के श्रद्धालुओं को सूर्याभिषेक का दर्शन कराया जाएगा.


इसलिए हो रहा ये विशेष प्रयास


प्रभु श्री राम के जन्म की मान्यता रामनवमी की दोपहर 12:00 बजे की है, इसी कारण वैज्ञानिकों ने रामलला के मंदिर में सूर्याभिषेक करने की तरकीब सोची और उसे पर विचार किया. वैज्ञानिकों की मानें तो थोड़ी ही देर के लिए सूर्य की किरणें रामलला पर पड़ेंगी और इस दौरान कुछ चुनिंदा श्रद्धालु ही रामलला के दर्शन पा सकेंगे. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार मंडप से 35 फीट दूरी से सिर्फ रामनवमी को दोपहर 12:00 बजे कुछ मिनट तक श्रद्धालु सूर्याभिषेक के दर्शन पा सकेंगे.


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