श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहली बार प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की 22 जनवरी की तारीख की औपचारिक घोषणा कर दी है. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साफ तौर पर कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को ऐसे संवैधानिक प्रोटोकॉल वाले लोग अयोध्या न आएं. मुख्यमंत्री और राज्यपाल उस तारीख पर आएं जो उनके प्रदेश के लोगों के लिए निर्धारित की गई है.
इसी के साथ उन्होंने देशभर में लोगों तक पहुंचाने के अपने प्लान का भी खुलासा किया और कहा कि इसके लिए देशभर में 45 प्रांत इकाइयां बनाई गई हैं. जहां के लोग 5 नवंबर को पूजित अक्षत और स्थानीय भाषा में लिखा पत्रक लोगों तक पहुंचाने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे. यह सभी लोग 1 जनवरी से 15 जनवरी तक पूजित अक्षत और पत्रक मंदिर मंदिर घर-घर पहुंचाएंगे. इसी के साथ देश भर के लोग 26 जनवरी से 22 फरवरी तक किस तारीख को प्रदेशवार अयोध्या पहुंचेंगे इसकी भी तारीख तय कर दी गई है.
वहीं चंपत राय ने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति को हम चाहेंगे हम हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे जिनके साथ कांस्टीट्यूशनल प्रोटोकॉल है वह प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या न आए. हमारा उनको हाथ जोड़कर बारंबार यही निवेदन रहेगा राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राजदूत उनके साथ एक संवैधानिक प्रोटोकॉल है और 22 जनवरी को उनकी सेवा हम भी नहीं कर पाएंगे और मैं समझता हूं लोकल एडमिनिस्ट्रेशन भी नहीं कर पाएगा तो हम उनसे निवेदन करेंगे प्राण प्रतिष्ठा के दिन न आएं. उसके बाद जब उनके प्रांत के लोग जब आएं तब उस राज्य के मुख्यमंत्री राज्यपाल आ सकते हैं.
हर राज्य में हैं छोटी-छोटी इकाइयां
चंपत राय ने कहा कि अधिक आबादी गांव में जा सके उसके लिए राज्यों में हमने छोटी-छोटी इकाइयों की रचना की है. उदाहरण हमने राजस्थान में तीन इकाइयां बनाई है जयपुर, जोधपुर और कोटा महाराष्ट्र में भी तीन इकाइयां बनाई हैं. यूपी में 6 इकाइयां बनाई हैं, आगरा, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, काशी और गोरखपुर. ऐसी-ऐसी देश भर में हमारी 45 इकाइयां हैं. हम इन इकाइयों को प्रात कहते हैं सरकार में राज्य शब्द चलता है हम पूजन किया हुआ हल्दी वाला पीला अक्षत लेने के लिए 5 नवंबर को सभी कार्यकर्ता अयोध्या आएंगे. पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक कमिश्नरी से दो-दो लोग बुलाए गए हैं. संभवत उनकी संख्या 150 से 200 के आसपास पहुंचेगी और इनको पूजित अक्षत की थैलियां दे दी जाएंगी. यह कार्यकर्ता पूजित अक्षत को अपने केंद्र तक ले जाएंगे.
राम मंदिर का प्रसाद मंदिर और घरों को दिया जाएगा
इसके अलावा चंपत राय ने कहा कि 1 जनवरी से 15 जनवरी तक कार्यकर्ता हर मंदिर और हर घरों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे और यह अक्षत अयोध्या का भगवान का प्रसाद मंदिर और घरों को दिया जाएगा. एक निवेदक पत्रक स्थानीय भाषा में छाप कर दिया जाएगा तमिलनाडु में तमिल, केरल के लोगों को मलयालम, बंगाल के लोगों को बंगाली, उड़ीसा के लोगों को उड़िया अपनी अपनी आवश्यकता के अनुसार वह घर-घर बाटेंगे. सूचना यह दी जाएगी की प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपने निकटतम मंदिर में वैसा ही आनंद का वातावरण पैदा करो मंदिर को सजाओ और जिस देवी या देवता की प्रतिमा मंदिर में है उसी का भजन पूजन करो. मंदिर में टेलीविजन लगाकर अयोध्या का दृश्य दिखाओ दूरदर्शन और अन्य एजेंसियां जिनको सरकार अनुमति देगी वह रिकॉर्ड करेंगे और उसको सब चैनलों को उपलब्ध कराया जाएगा. ताकि दुनिया के लोग भी देख सके हर मंदिर में दिखाया जाए और आरती हो.
उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन यह जो लाखों लोग मंदिरों में रुक जाएंगे इनको हम यह छूट देंगे की 26 जनवरी से लेकर 22 फरवरी तक हर एक इकाई को जो तारीख निर्धारित की गई है अपने लिए निर्धारित तारीख पर आप अयोध्या आइए. पहले दिन आने के बाद ठहरना और थकान उतारना अगले दिन दर्शन करना भोजन प्रसाद, सरयू मैया की आरती, सरयू मैया में स्नान और उसके बाद वापस जाने की योजना बनाओ इस प्रकार पूरे भारत को हमने सुनिश्चित तिथियां में विभाजित कर दिया है. प्रबंधन का हमारा यह एक प्रयास है कितने लोगों तक यह बात पहुंच जाएगी. कितने लोग इस बात को स्वीकार कर लेंगे उतने ही लोगों का मैनेजमेंट हो जाएगा और कई लाख लोगों पर असर हो जाएगा.