Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिनों की बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janm Bhoomi Teerth Kshetra Trust ) ट्रस्ट ने यह साफ कर दिया है कि, मंदिर की नींव (Foundation of Temple) का जो थोड़ा बहुत कार्य बचा है, वह 15 सितंबर तक समाप्त हो जाएगा. इसके बाद प्लिंथ ऊंचा करने अर्थात जहां से मिर्जापुर के पत्थरों का उपयोग होगा, वह कार्य अक्टूबर माह के अंत तक शुरू हो जाएगा. जबकि दिसम्बर 2023 तक राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर की स्थापना और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी. दिसम्बर माह के अंत तक भव्य राम मंदिर में रामलला का दर्शन कर सकेंगे. इसलिए मंदिर ट्रस्ट और निर्माण समिति की बैठक में इस बात पर खास तौर पर चर्चा हुई कि अगर एक साथ लाखों लोग दर्शन करने आ गए तो उन सभी को कैसे व्यवस्थित रूप से दर्शन कराया जाएगा, क्योंकि अयोध्या में पड़ने वाले प्रमुख मेले में लगभग 5,00000 से ज्यादा रोजाना राम भक्त दर्शन करेंगे. ऐसे में हर एक राम भक्तों को अपने आराध्य प्रभु श्री राम के दर्शन करें किसी को कोई समस्या ना हो इसका खासा ध्यान रखा जाएगा.
अक्टूबर में ग्राउंड फ्लोर का काम
राम मंदिर निर्माण का चरण जैसे जैसे पूरा हो रहा है, आगे निर्माण के तरीकों को लेकर हर कोई जानना चाहता है. ट्रस्ट की माने तो नीव का कार्य सितंबर में समाप्त होने के बाद अक्टूबर में शुरू होने वाले प्लिंथ के कार्य मे मिर्जापुर के लगभग 4 लाख घनफुट पत्थरों का उपयोग किया जाएगा. प्लिंथ का कार्य पूरा होने के बाद मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का कार्य शुरू होगा.
मंदिर में कर सकेंगे रामलला के भव्य दर्शन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में सबसे अधिक जिस बात पर चर्चा हुई वह थी अगर किसी दिन दर्शनार्थी 1 लाख से लेकर 5 लाख तक आ गए तो उनको कैसे व्यवस्थित दर्शन कराया जाएगा, क्योंकि राम मंदिर ट्रस्ट की मानें तो दिसंबर 2023 तक श्री राम जन्मभूमि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का कार्य पूरा हो जाएगा और रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित हो जाएंगे, जबकि दिसंबर माह के अंत तक श्रद्धालु रामलला का दर्शन उनके भव्य मंदिर में कर सकेंगे. इसीलिए राम मंदिर ट्रस्ट का अनुमान है कि मंदिर बनने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आएंगे और यह संख्या लाखों में हो सकती है इसलिए ट्रस्ट अभी से श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक दर्शन कराने की तैयारी में है.
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