Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी के लिए अयोध्या पहुंचे वैदिक विद्वान, पूजन-पद्धति की सामग्री और जगह करेंगे तय
Ram Mandir News: कांची कामकोटि के शंकराचार्य ने वाराणसी से वैदिक विद्वानों को अयोध्या भेजा है. इस दल में काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ भी शामिल हैं.
UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में जनवरी 2024 में होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी शुरू हो गई है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की पूजन विधियों, सामग्री और पूजन स्थल तय करने के लिए वाराणसी से श्रेष्ठ वैदिक विद्वानों का एक दल सोमवार को अयोध्या पहुंचा. राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी के साथ इस दल ने श्री राम जन्मभूमि परिसर में जाकर निर्माण हो रहे मंदिर का निरीक्षण भी किया.
कांची कामकोटि के शंकराचार्य ने वाराणसी से वैदिक विद्वानों को अयोध्या भेजा है. इस दल में काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ भी शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा की शुभ तारीख तय करने में गणेश्वर दत्त की भी बड़ी भूमिका है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर की भूमि पूजन की तारीख तय करने वाले लोगों में ज्योतिषाचार्य गणेश्वर दत्त भी थे. इनके साथ कर्मकांडी विद्वान भी काशी से आए हुए हैं. यह सभी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर श्री राम मंदिर ट्रस्ट से मंत्रणा करेंगे.
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने क्या बताया?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्र ने कहा कि अभी स्थान को देखने जा रहे हैं. काशी से वैदिक विद्वानों का दल आया हुआ है. प्राण प्रतिष्ठा की दृष्टि से पूजन आदि कहां होगा, वह स्थान देखेंगे. वहीं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, "प्राण प्रतिष्ठा पर क्या-क्या विधि विधान होंगे, कौन-कौन से धार्मिक पूजा पाठ होंगे, इसकी बारीकी से बातें देखी जा सकती हैं. बारीकी बात को देखकर के निर्णय होगा, उन बारीकी बातों को देखने के लिए कांची कामकोटि के जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य ने बनारस से श्रेष्ठ विद्वानों को भेजा है मैं उन्हीं के आदर सम्मान में यहां आया हूं."
चंपत राय ने आगे कहा कि हमारे बीच में बहुत ही बुजुर्ग लोग भी बैठे हैं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ काशी में ज्योतिष के क्षेत्र में वह एक पहचान है, वह स्वयं हर चीज को देखेंगे, उनके साथ उनकी पूरी टोली आई है जो कम आयु के लोग हैं, वह भाग-दौड़ कर सकते हैं. कर्मकांड के क्षेत्र के विद्वान श्री लक्ष्मीकांत पूर्ण वृद्ध है, उन्होंने अपने शिष्यों को भेजा है. एक-एक चीज देख करके आना और फिर स्थिति को ध्यान में रखकर निर्णय करना.
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