अयोध्या में क्या काम करता है संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान का परिवार? गुजरात से भी रहा है कनेक्शन
Ayodhya News: राम मंदिर के हमले की साजिश रचने वाले संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आतंकी अब्दुल अयोध्या के मिल्कीपुर गांव का रहने वाला है, और काफी समय से ISI के संपर्क में था.

Terrorist Abdul Rehman Arrest: फरीदाबाद से गिरफ्तार अब्दुल रहमान से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपी ने बताया है कि उसके निशाने पर राम मंदिर समेत कई धार्मिक स्थल थे और वो नाम बदलकर ये खतरनाक साजिश रच रहा था. सुरक्षा एजेंसियों पता चला है कि वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) मॉड्यूल से करीब 10 महीने पहले जुड़ा था. अब्दुल रहमान वीडियो कॉल के जरिए आतंकी ट्रेनिंग ले रहा था और राम मंदिर को निशाना बनाने की साजिश रच रहा था.
अब्दुल रहमान अयोध्या के मिल्कीपुर गांव में अपनी दुकान पर बैठकर ही वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग लेता था. ट्रेनिंग के दौरान उसे कई टास्क दिए गए थे. जांच एजेंसियों को उसके मोबाइल से कई धार्मिक स्थलों की तस्वीरें और वीडियो भी मिले है. इन तस्वीरों और वीडियो को देखकर एजेंसियां अब साजिश की कड़ियां जोड़ने में जुटी हुई है.
राम मंदिर पर हमले की खतरनाक साजिश
जानकारी के मुताबिक अब्दुल रहमान पांच दिन पहले अपने घर से निकला था. उसने परिवार वालों से कहा था कि वो दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज जा रहा है. लेकिन, असल में वो फरीदाबाद पहुंचा और वहां नाम बदलकर रहने लगा. जांच में पता चला है कि फरीदाबाद में ही किसी ने उसे हैंड ग्रेनेड मुहैया कराया था. जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां अब उस शख्स की तलाश कर रही है.
अब्दुल रहमान का जन्म 28 अगस्त 2005 को हुआ था. उसने मनीराम यादव इंटर कॉलेज, मंजनाई से 10वीं तक की पढ़ाई की थी. पढ़ाई के बाद वो जमात के संपर्क में आया और फिर आतंकी संगठनों से जुड़ गया. बताया जा रहा है कि वो विशाखापट्टनम भी गया था. जहां उसने जमात का दामन थामा और यहीं से आतंक की राह पर आगे बढ़ा.
अयोध्या में क्या करता है अब्दुल का परिवार
अब्दुल रहमान के पिता अबु बकर पहले सूरत में रहते थे. लेकिन अब गांव में ही चिकन शॉप चलाते है. उसके तीन चाचा जावेद, उमर और साद अब भी सूरत में ही रहते है. अब्दुल बचपन में दिल की बीमारी से जूझ चुका था और अहमदाबाद में उसका ऑपरेशन भी हुआ था. वो ई-रिक्शा चलाता था और इलेक्ट्रॉनिक्स में रुचि रखता था. घर पर वो अक्सर इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी चीजें बनाता रहता था, लेकिन किसी को इस बारे में कुछ नहीं बताता था.
अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई है. उन्हें शक है कि इस साजिश में और भी लोग शामिल हो सकते है. एजेंसियां उसके हैंडलर और अन्य संपर्कों की जानकारी जुटाने में लगी है. फिलहाल जांच जारी है और जल्द ही इस साजिश के बाकी किरदारों का भी पर्दाफाश हो सकता है.
अब जांच एजेंसियां फरीदाबाद, विशाखापट्टनम और उत्तर प्रदेश में लगातार छापेमारी कर रही हैं और ये पता करने में जुटी हैं कि अब्दुल रहमान इन जगहों पर किस-किस के संपर्क में था. इसके अलावा उसे हैंड ग्रेनेड कहां और कैसे मिला इसकी भी जांच की जा रही है.
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