(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अयोध्या: पाइलिंग रिपोर्ट पर इंजीनियरों का मंथन जारी, मंदिर की मजबूती के लिये विशेषज्ञों की ली जा रही है राय
अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम चल रहा है. नींव की मजबूती के लिये आईआईटी के इंजीनियर पाइलिंग रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं. सरयू नदी के किनारे स्थित होने के वजह से गहराई में जाने पर भुरभुरी बालू मिल रही है. इसके चलते विशेषज्ञ रिपोर्ट पर मंथन कर रहे हैं.
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण का काम राम जन्मभूमि परिसर में चल रहा है और निर्माण के लिए टेस्ट पाइलिंग रिपोर्ट आईआईटी चेन्नई टाटा कंसल्टेंसी और एलएंडटी कंपनी को सौंप दी है. जिस पर मंथन का दौर जारी है. राम मंदिर निर्माण के लिए हो रही पाइलिंग पर आईआईटी चेन्नई, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की की देखरेख में लार्सन एंड टूब्रो कंपनी ने टेस्ट पाइलिंग का काम किया था, जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है. विशेषज्ञ इस रिपोर्ट का विश्लेषण कर रहे हैं.
मंदिर एक हजार वर्षों से ज्यादा सुरक्षित रहे
ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा लार्सन टूब्रो कंपनी के साथ सहयोग के लिए टाटा की कंपनी टाटा कंसलटेंट को लिया गया था, इसके लिए शुक्रवार को कारसेवक पुरम में ट्रस्ट के पदाधिकारियों और लार्सन टूब्रो कंपनी के साथ बैठक हुई. इस बैठक में टाटा इंजीनियर और एलएनटी कंपनी के साथ अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं, क्योंकि राम मंदिर सरयू नदी के समीप है और पाइलिंग के लिए गहराई में जाने पर भुरभुरी बालू मिल रही है, जिसकी वजह से अब विशेषज्ञों के द्वारा इसकी मजबूती पर मंथन जारी है. ट्रस्ट भी रामलला के मंदिर निर्माण के लिए मजबूती पर प्राथमिकता दे रहे हैं. 1000 वर्षों से ज्यादा राम मंदिर सुरक्षित रहे, इस पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने जोर दिया है और इस दिशा में कार्यदाई संस्था काम कर रही है.
राम मंदिर निर्माण के कार्य में तेजी लाने के लिए लगातार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी प्रयासरत हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए टेस्ट पाइलिंग का काम हो चुका है. राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय लार्सन एंड टूब्रो कंपनी और टाटा कंसलटेंट के अधिकारियों के साथ अयोध्या के विहिप मुख्यालय कारसेवक पुरम में एक अहम बैठक हुई, जिसमें राम मंदिर निर्माण के लिए लार्सन एंड टूब्रो के बीच अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुये हैं.
देश के नामचीन इंजीनियर कर रहे हैं विश्लेषण
मंदिर निर्माण की पाइलिंग देश के नामचीन इंजीनियरों की रिपोर्ट के बाद काम शुरू होगा. चेन्नई, रुड़की, मुंबई व दिल्ली के टॉप इंजीनियरों के टीम टेस्टिंग रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है ताकि मंदिर की आयु 1000 वर्ष तक सुरक्षित रहे, जो प्राकृतिक आपदा भूकंप भूस्खलन में भी मंदिर को सुरक्षित रखे.
इसी के साथ मंदिर निर्माण के लिए तराश कर रखे गए राम जन्म भूमि की कार्यशाला में भी हलचल तेज है. कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों की नाप हो रही है और उनके क्रमवार नंबर भी डाले जा रहे हैं ताकि पत्थरों को लगाते वक्त उस पर अंकित अंकों के साथ ही सुव्यवस्थित ढंग से इस्तेमाल किया जा सके.
चंपत राय का बयान
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि लार्सन एंड टूब्रो कंपनी का एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुआ है. प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट्स के रूप में टाटा कंसलटेंट का कंपनी के साथ अनुबंध हो गया है. रामलला के मंदिर की नींव मजबूत हो, इसके लिए आईआईटी मुंबई, आईआईटी रुड़की, आईआईटी चेन्नई, टाटा और एलएनटी के इंजीनियर आपस में विचार विमर्श कर रहे हैं. रामलला का परिसर सरयु के करीब है और नीचे काफी गहराई तक भुरभुरी बालू है. इसलिए मंदिर के नींव की पकड़ मजबूत कैसे हो, इस पर अध्ययन चल रहा है. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते में अध्ययन पूरा हो जाएगा और जल्द ही पाइलिंग का कार्य तीव्र गति से शुरू होगा.
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