अयोध्या, एबीपी गंगा। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में तमाम लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात की उम्मीद नहीं थी कि मेरे जीते-जी राम मंदिर पर ये फैसला आएगा।'
राम मंदिर को लेकर आए फैसले पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए बयान पर भी वेदांती ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस तरह का बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने ओवैसी को सख्त सजा देने की मांग की है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
राम विलास वेदांती का ये भी कहना है कि अगर भारत सरकार मंदिर निर्माण के लिए बनाए जा रहे ट्रस्ट में उन्हें शामिल करती है, तो वह अपना पूरा सहयोग देंगे।
औवैसी ने क्या कहा था
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ओवैसी ने कहा था कि वो कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च न्यायालय है, लेकि वो अपरिहार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें संविधान पर पूर्ण भरोसा है और हम अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिम पक्ष को दी गई 5 एकड़ जमीन को औवैसी ने खैरात बोलते हुए कहा कि हमें इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि अगर बाबरी मस्जिद वहां रहती, तो कोर्ट क्या फैसला सुनाता। उन्होंने कहा कि जिन्होंने बाबरी को गिराया, अब उन्हें ही ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर बनाने का काम दिया गया है।
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