Ramadan 2024: आज चांद दिखा तो कल मनेगी ईद-उल-फित्र, इस्लाम में सिनेमा हराम: शराफत हुसैन कादरी
Ramadan News: रमजान का आज 29 वां रोजा चल रहा है. आज यदि चांद दिखाई देता है तो कल ईद मनायी जाएगी. वहीं इमाम कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि इस्लाम में सिनेमा और नाच गाना हराम है.
Ramadan 2024: जहन्नम से आजादी का अशरा चल रहा है. ईद आने वाली है. नमाज़, रोज़ा, तिलावत व नेक कामों के जरिए अल्लाह की इबादत की जा रही है. सोमवार को 28वां रोज़ा अल्लाह व रसूल की याद में गुजरा. खूब रो-रो कर दुआ मांगी जा रही है. तरावीह की नमाज़ जारी है. रोजेदार एतिकाफ में मश्गूल हैं. शबे कद्र की अंतिम (29वीं) ताक रात में खूब इबादत हुई. मंगलवार को ईद का चांद दिखा, तो बुधवार को ईद मनाई जाएगी.
इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग मंगलवार को 29वां रोज़ा मुकम्मल करके ईद का चांद (शव्वाल माह) देखेंगे. अगर चांद नज़र आ गया, तो बुधवार 10 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा. अगर चांद नहीं दिखा तो गुरुवार 11 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा. तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की ओर से ईद के चांद की तस्दीक के लिए उलमा किराम की चांद कमेटी गठित है. मंगलवार को शाम के समय कमेटी के सदस्य दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद नार्मल पर मौजूद रहेंगे. चांद देखने का मुकम्मल इंतजाम रहेगा.
ईद के दिन के कुछ अदब
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने बताया कि ईद के दिन के चंद आदाब ये हैं मिस्वाक करना. गुस्ल करना. साफ सुथरा लिबास पहनना. अगर नया मयस्सर हो तो नया लिबास पहनना. खुश्बू लगाना. नमाज़े ईद से पहले सदका-ए-फित्र अदा करना. अगर मुमकिन हो तो पैदल ईदगाह जाना. एक रास्ते से जाना दूसरे से वापिस आना. ईदगाह जाने से पहले ताक अदद खजूरें, छुआरे या कोई और मीठी चीज़ जो मयस्सर हो खाना. निगाह नीचे किए बाअदब और पुर वकार तरीके से ईदगाह जाना. ईद-उल-फित्र में ईदगाह तकबीर तशरीक आहिस्ता पढ़ते हुए जाना.
इस्लाम में सिनेमा हराम: हुसैन कादरी
बेलाल मस्जिद अलहदादपुर के इमाम कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि इस्लाम धर्म में सिनेमा, नाच-गाना नाजायज़ व हराम है. अक्सर देखने में आता है कि माह-ए-रमज़ान के खत्म होने के बाद सिनेमा हॉलों में मुस्लिम समाज से काफी नौजवान जुटते हैं. फिल्मों के टिकट की एडवांस बुकिंग करवाते हैं. इन सारे कामों की इजाजत दीन-ए-इस्लाम नहीं देता है. इन हरकतों से माह-ए-रमज़ान के सारे सवाब बर्बाद हो जाते हैं. इन सब खुराफातों से आप खुद भी बचें और अपने परिवार, पास-पड़ोस व दोस्त अहबाब को बचाएं. फिल्म देखने में खर्च की जानें वाली रकम गरीबों, यतीमों, बेवाओं, बेसहारों पर खर्च करें.
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