कोरोनावायस की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान रामानंद सागर का मशहूर सीरियल रामायण खूब धूम मचा रहा है। दर्शक इस सीरियल के लिए वैसे ही एक्साइटेड हैं जैसा कि कभी 90 के दशक में हुआ करते थे। वहीं जब से ये सीरियल दूरदर्शन पर फिर से स्टार्ट हुआ है तभी से इस धारावाहिक के सभी किरदार भी चर्चा में आ गए हैं। इस सीरियल के सभी किरदारों को लोग असली में सच समझकर उन्हें पूजने लगे थे और रावण से नफरत करने लगे थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सीरियल में रावण की भूमिका निभाने वाला एक्टर अरविंद त्रिवेदी आजकल कहां है और क्या कर रहे हैं?



90 के दशक में रामायण में जब भी रावण की आवाज सुनाई देती थी, लोगों को सिर्फ उनपर गुस्सा ही आता था। हर किसी का यही मानना था कि रावण का किरदार अरविंद से अच्छा कोई नहीं कर सकता था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अरविंद त्रिवेदी नहीं निभाना चाहते थे। काफी पहले अरविंद ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें रामानंद सागर की रामायण के बारे में पता चला तो वो उनसे केवट का किरदार मांगने गए थे।लेकिन अरविंद को देखकर रामानंद सागर ने उन्हें स्क्रिप्ट ही पकड़ा दी। जिसे पढ़ने के बाद अरविंद वहां से बिना कोई जवाब दिए चलने लगे। ना जाने रामानंद सागर को अरविंद में क्या दिखा कि वो अरविंद को रोककर बोले कि अपना रावण, लंकेश मिल गया। ये सुनर अरविंद काफी हैरान हो गए। हैरानी में उन्होंने रामानंद सागर से कहा कि मैंने तो कुछ भी नहीं बोला। अरविंद की ये बात सुनकर बोले कि तुम्हारी चाल-ढाल से मैं समझ गया कि तुम रावण बन सकते हों। अरविंद को कुछ इस तरह से मिला रावण का अमर किरदार।



इसी के साथ आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी असल जिन्दगी में राम जी के भक्त हैं। आपको बता दें कि अरविंद त्रिवेदी उर्फ रावण मुल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होने अपने करियर की शुरूआत फिल्मों से की थी। उनकी पहली फिल्म का नाम था पराया धन। हिंदी के साथ-साथ उन्होंने कई गुजराती फिल्मों में भी काम किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि अरविंद त्रिवेदी ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। इतनी फिल्मों में काम करने के बाद आज भी पूरा हिन्दुतान उन्हें रावण के नाम से ही जानता है। उनके गुजराती फिल्मों में अरविंद को कई अवॉर्ड मिल चुके हैं और इसके लिए उन्हें गुजरात सरकार ने भी सम्मानित किया। इसके अलावा  अरविंद त्रिवेदी साल 1991 में गुजरात के साबरकांथा लोकसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते थे। फिल्हाल बढ़ती उम्र की वजह से वो चलने-फिरने में असमर्थ हैं वो अब 81 साल के हो चुके हैं। इसी वजह से उनकी तबियत खराब रहती है। इन दिनों वो अपना ज्यादातर वक्त राम नाम जपने में बिताते हैं।