Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित टिप्पणी की है. मौर्य ने तुलसीदास (Tulsidas) रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है. जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम ही नहीं ले रही है. अब सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) का बयान आया है.
ओम प्रकाश राजभर ने इस विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "उनके बयान पर मुझे हंसी आती है. जब ये सत्ता में थे और बीएसपी में थे, ये चार बार सत्ता में थे तब उनको ये बात याद नहीं आई. जब इनको लगा की बसपा में राजनीतिक मलाई नहीं मिलने वाली है. तब फिर राम के दरबार में चले गए. पांच साल राम के दरबार में मलाई खाई है. इसके बाद सपा के दरबार में मलाई खाने चले गए. सपा के यहां गए तो सरकार नहीं बनी."
किया ये सवाल
सुभासपा प्रमुख ने कहा, "अब कोई पूछने वाला नहीं है. तो चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह का बयान ये दे रहे हैं. अगर ये बात थी तो सत्ता में आप थे, तो हम इनसे पूछना चाहते हैं कि क्या आपको उस समय पिछड़ों और दलितों की याद आई थी. इनको समान अधिकार दिलाने के लिए फ्री शिक्षा लागू करने की बात तो याद नहीं आई. गरीबों का इलाज फ्री कराने की बात तो याद नहीं आई. ये केवल चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह के बयान देते हैं."
उन्होंने कहा, "सबके चश्में पढ़ने के लिए अलग-अलग होते हैं. कुछ चश्में हैं जो दिखाई नहीं देते हैं. कुछ ही चश्में पावर वाले हैं जिससे दिखाई देते हैं. पहले मुझे आश्चर्य है कि क्या उन्होंने रामचरितमानस पढ़ा है. ये कब की कहानी है और किसने कहा है ये भी जानकारी होनी चाहिए. अगर वो गलत था तो सत्ता में रहते वक्त आपने ये पहल क्यों नहीं की."