Ramcharitmanas Contriversy: कथा वाचक देवकीनंदन लखनऊ में कथा करने के लिए पहुंचे हैं. एबीपी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने का अवसर खोज रहे हैं. वे चाहते हैं कि दोनों नेताओं से बात कर उन्हें रामचितमानस का सही अर्थ बता सकें.
एबीपी से बात करते हुए कथावाचक ने स्पष्ट किया कि रामचरितमानस में जिन लाइनों को लेकर विवाद है, वह प्रभु श्रीराम के नहीं हैं. समुद्र ने उन्हें ये शब्द कहे हैं. उन्होंने ताड़ना शब्द की भी व्याख्या की. उनका कहना है कि इस शब्द के अलग-अलग अर्थ लगाए जा रहे हैं. कथावाचक ने खुद भी इसके अलग-अलग अर्थों को समझाया.
अलग लगाए जा रहे दोहों के अर्थ
कथा वाचक देवकीनंदन ने विवाद की बात स्वीकार भी की. उन्होंने कहा कि मैं अपनी कथाओं में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता हूं. उन्होंने बताया कि मैं उन दोहों को अपनी कथाओं में कभी इस्तेमाल नहीं करते. क्योंकि इन दोहों से कुछ लोग आहत हो जाते हैं. लेकिन, यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि दोहों अलग अर्थ लगाया जा रहा है.
जानकारी हो कि रामचरितमानस को लेकर पहला विवादास्पद बयान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रेशखर ने दिया था. इसके बाद ही इस ग्रंथ को लेकर विवाद शुरू हुआ. बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान के बाद उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ सपा नेता ने भी इस पर विवादास्पद बयान दे दिया. इसके बाद से देश के राजनीतिक हलकों में इस पर विवाद शुरू हो गया.
संतों ने जतायी गहरी नाराजगी
रामचरितमानस पर उठे विवाद के बीच देशभर से संतों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. नेताओं की इस जुबानी जंग से संतों की गहरी नाराजगी भी है. अयोध्या के संतों ने तो स्वामी प्रसाद मौर्य और बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ तक खींच लेने तक की बात कह दी थी.
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