Ramcharitmanas Controversy: 26 जनवरी से कांग्रेस (Congress) उत्तर प्रदेश में 'हाथ से हाथ जोड़ो' (Hath Se Hath Jodo) अभियान शुरू करने जा रही है, जिसे लेकर पार्टी ने प्रदेश में अपनी तैयारियां तेज कर दी है. इन्हीं तैयारियों के बीच पश्चिमी यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Nasimuddin Siddiqui) अमरोहा पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से बात की. इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर मुझे किसी से सम्मान कराना है तो मुझे भी सबके धर्म का सम्मान करना पड़ेगा. 


नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कहा कि "कौन क्या कहता है इससे मुझे कोई मतलब नहीं, लेकिन मुझे अगर किसी से सम्मान कराना है तो मुझे भी सम्मान करना पड़ेगा. सबके धर्म का, सबके मजहब का सम्मान करना पड़ेगा. यही कांग्रेस पार्टी का सोचना है और यही मेरा सोचना है."


मौर्य को लेकर किया ये दावा


नसीमुद्दीन ने कहा, हो सकता स्वामी प्रसाद मौर्य मुझसे उम्र में बड़े हैं लेकिन 1996 में मैंने ही उन्हें बसपा में ज्वाइन कराया था. किसी के धर्म के बारे में कोई आलोचना नहीं कर सकता. अगर मैं कोई अच्छा काम करता हूं तो मैं पहले बिस्मिल्लाह पढ़कर करता हूं और हमारे अन्य मजहब के लोग श्री गणेश बोलकर करते हैं. ऐसा सवाल नहीं होना चाहिए जिससे किसी के दिल में धक्का लगे.


नफरत खत्म करने के लिए 'भारत जोड़ो यात्रा'


नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि नफरत तोड़ने के लिए माननीय राहुल गांधी जी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. हिंदुस्तान में नहीं दुनिया में कोई हो तो बता दीजिए. अपने लिए नहीं समाज के लिए यात्रा शुरू की गई. बेरोजगारी दूर करने के लिए महंगाई के खिलाफ किसानों के हित में महिलाओं के सम्मान में राहुल जी के भारत जोड़ो यात्रा की. इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है. सिर्फ देश में नफरत खत्म करने के लिए ये यात्रा निकाली गई है. भारत को जोड़ने का भारत को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. 


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