UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद बजानबाजी बढ़ती जा रही है. जबकि सपा नेता को अब राष्ट्रीय महासचिव बनाए गया है. जिसके बाद बीजेपी समेत अन्य विरोधी दल सपा के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब विवाद बढ़ने के बाद नरम पड़ते नजर आ रहे हैं.
अखिलेश यादव ने सोमवार को मैनपुरी में अपने ताजा बयान में कहा, "भगवान राम और रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है. कल मैं मंदिर गया तो RSS-BJP के गुंडे आ गए, हमें पता होता BJP गुंडे भेजने वाली है तो हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आते. काला झंडा जब समाजवादी दिखाते हैं तो उन्हें एक साल के लिए जेल भेजा जाता है."
सपा प्रमुख ने कहा, "बीजेपी हार रही है इस बार यूपी में बीजेपी क्लीन बोल्ड होने जा रही है. बीजेपी वाले बताएं उन्होंने क्या काम किया है. सांड तक तो हटा नहीं पा रहे आज भी लोग मर रहे हैं. बीजेपी वालों ने लखनऊ में तालाबों की जमीनों पर कब्जे कर लिए हैं."
मायावती की प्रतिक्रिया
जबकि इस विवाद पर मायावती ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण."
उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई. ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी." बता दें कि बीजेपी भी अखिलेश यादव को इस मुद्दे पर घेरने में लगी है.