Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए विवादित बयान के बाद जुबानी जंग जारी है. लेकिन अब स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का फिर से विवाद को बढ़ाने वाला बयान आया है. उनका ये बयान लखनऊ (Lucknow) के लेटे हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) के बाहर लगे पोस्टरों पर आया था. जिसपर सपा एमएलसी ने बयान दिया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "लखनऊ, पकापुल के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर में पुजारियों द्वारा प्रतिबंध हास्यास्पद है, अपने पूरे जीवन में इस मंदिर में न कभी गया था न कभी जाऊंगा. जहां भेदभाव हो वहां जाने की जरूरत क्यों." इसके पहले विवाद बढ़ने पर सपा एमएलसी ने मंगलवार को लखनऊ में विपक्ष को जवाब देते हुए कहा था, "उन्होंने जितनी भी अशुभ बातें की हैं वो उन्हें मुबारक."
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पोस्टर पर लगे थे क्रॉस निशान
वहीं मंगलवार को लखनऊ के प्राचीन लेटे हनुमान मंदिर के बाहर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे. इन पोस्टरों पर स्वामी प्रसाद मौर्य की तस्वीर लगी था और उसे लाल रंग से क्रॉस किया गया था. इस बैनर पर लिखा था अधर्मी स्वामी प्रसाद मौर्य का इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है. ये पोस्टर मंदिर के मुख्य द्वार समेत कई जगहों पर लगाया गया था. मंदिर परिसर के अंदर भी ऐसे ही कुछ पोस्टर देखे गए थे.
सपा एमएलसी ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए कहा था, "रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है। यह 'अधर्म' है, जो न केवल बीजेपी बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है. रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और 'कुम्हार' जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं."