Ramchartimanas Controversy: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर बयान देकर विवाद पैदा कर दिया है. सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी (BJP) की ओर से इसपर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. वहीं, उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य (Sanghmitra Maurya) जो कि बीजेपी की ही सांसद हैं, ने अपने पिता का बचाव करते हुए कहा है कि बयान को लेकर गैरजरूरी विवाद खड़ा किया जा रहा है.


संघमित्रा मौर्य ने कहा, 'य़ह विवाद का नहीं बल्कि चर्चा का विषय़ है. विश्लेषण और चर्चा होनी चाहिए कि क्यों किसी खास पंक्ति के लिए बार-बार विवाद पैदा हो रहा है. कुछ लोग गैरजरूरी मुद्दे को उठा रहे हैं और अशांति पैदा करने के लिए विवाद खड़ा कर रहे हैं.' बेटी संघमित्रा जहां पिता के बचाव में खड़ी हो गई हैं वहीं उनकी ही पार्टी के अन्य सदस्य स्वामी प्रसाद पर हमलावर हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि रामचरितमानस को लेकर ऐसी टिप्पणी कोई विक्षिप्त व्यक्ति की ही कर सकता है. वहीं, सपा नेता शिवपाल यादव ने यह कहते हुए इस मुद्दे से पल्ला झाड़ लिया था कि यह स्वामी प्रसाद मौर्य की निजी टिप्पणी है. हालांकि अखिलेश यादव ने अब तक इसपर कुछ नहीं कहा है.



स्वामी प्रसाद ने कही थी यह बात
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत में कहा था, 'रामचरितमानस को लेकर मुझे कोई एतराज नहीं हैं लेकिन इसके कुछ जिसमें जातियों को इंगित करते हुए, वर्ग विशेष और वर्ण को इंगित करते हुए अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं. उन टिप्पणियों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. भेदभाव की भावना है वह धर्म का चरित्र नहीं होता है. मैं इसे धार्मिक पुस्तक नहीं मानता. जब तुलसीदास ने कहा कि मैंने अपनी खुशहाली के लिए लिखा है. उनके लिखने पर एतराज नहीं है लेकिन जिसमें महिला समुदाय, एक वर्ण, तमाम जातियों को इंगित करते हुए अपमानति करने की टिप्पणी की गई है उस हिस्से को हटा दिया जाए या प्रतिबंधित कर दिया जाए.'


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