Ramadan 2024: देश-दुनिया में रमाजन के पाक माह की तैयारियां शुरू हो गई हैं. मुस्लिम समाज के लोगों के साथ हिन्दू भी इस रमजान के पाक माह की इफ्तारी में शामिल होते हैं और मीठी ईद को भी मिल-जुलकर मनाते हैं. इसके लिए बाजार भी पूरी तरह से तैयार हैं. रमजान के पहले सेवईंयों का भी बाजार सज गया है. बाजार में लच्छा, बनारसी और महीन सेवईयों की भी खूब डिमांड रहती है. हालांकि अभी बाजार हल्का है. इसके बावजूद बाजार में पाकिस्तान के कराची का शीर खुरमा मिक्स, बनारसी और लच्छा सेवईं की खूब धूम है.
गोरखपुर के नखास चौक पर रमाजन के पाक माह के शुरु होने के पहले सेवईयों से सजा हुआ है. यहां पर कई तरह की सेवई बाजार में दिखाई दे रही है. दुकानदार खुश हैं, तो वहीं ग्राहक भी बड़ी ही खुशी के साथ सेवइयां खरीदकर घर जा रहे हैं. यहां पर सेवई खरीदने के लिए आए आदिल अमीन बताते हैं कि वे समाजसेवी हैं. ऐसे में उनके यहां रमजान के माह में हर वर्ग के लोग आते हैं. रोजा इफ्तारी से लेकर ईद तक उनके यहां आने वाले लोगों का तांता लगा रहता है. लखनऊ के नखास की तरह ही ये गोरखपुर मुख्यमंत्री के शहर का नखास चौक है. यहां पर लच्छेदार सेवईं के साथ वे यहां पर अन्य सामान भी ले रहे हैं. खोवा, ड्राई फ्रूट्स और घी भी खरीदेंगे.
रमजान शुरू होते बढ़ जाती है सेवई की डिमांड
रमजान के पाक माह के शुरू होने के पहले इकबाल गोरखपुर के नखास चौक पर सेवई खरीदने के लिए आए हैं. वे बताते हैं कि रमजान के माह में सेवई खूब बनती है. यहां पर रमजान शुरू होने के साथ सेवई की डिमांड भी बढ़ जाएगी. वे यहां पर अभी रेट देख रहे हैं. इसके बाद वे खरीदारी करेंगे. वे कहते हैं कि लच्छे वाली सेवई को ज्यादा लोग पसंद करते हैं. लखनऊ के नखास से ये कम नहीं है. ये भी काफी पुराना बाजार है.
वे बताते हैं कि नखास चौक पर सेवई की बरसों पुरानी दुकान पर लोग सेवई लेने के लिए आते हैं. सेवई बेचने वाले दुकानदार मोहम्मद रुमान ने बताया कि इस बार बाजार काफी अच्छा है. महंगाई का असर सेवई पर भी दिखाई दे रहा है. वे बताते हैं कि बाहर के जिलों से भी लोग नखास चौक पर सेवई खरीदने के लिए आते हैं. हालांकि उनके पास 100, 120 और 150 रुपए तक की सेवई है. वे बताते हैं कि बाजार में रौनक कम है.
मोहम्मद रुमान कहते हैं कि दो-चार दिन में भीड़ बढ़ जाएगी. उनके यहां बनारसी लोकल, बनारसी, लच्छा और अन्य तरह की सेवई यहां पर उपलब्ध है. गोरखपुर के नखास पर मनीष कुमार गुप्ता की दुकान है. वे कहते हैं कि बनारसी के अलावा बाहर की सेवई भी आती है. रमजान के पाक माह में यहां पर सेवई खरीदने वाले लोगों की भीड़ दिखाई देती है. इसके साथ ही यहां पर खजूर और चिप्स के अलावा ड्राई फ्रूट्स भी यहां पर मिलते हैं.
लच्छे वाली सेवई की अधिक डिमांड
मोहम्मद अजहर बताते हैं कि उनके अलग-अलग तरह की सेवई है. बनारसी के साथ लच्छे वाली सेवई की अधिक डिमांड रहती है. वे बताते हैं कि उनके पास पाकिस्तान के कराची का शीर खुरमा भी है. वो 80 रुपए के पैक में उपलब्ध है. हालांकि ये इंडिया का बना हुआ है. लेकिन इसे लोग खूब पसंद करते हैं. अजहर बताते हैं कि 60 रुपए से शुरू होकर 250 रुपए तक की सेवई उनके पास है. वे बताते हैं कि लच्छे वाली सेवई का दाम 120 रुपए किलो है. बनारसी सेवई 120 रुपए, डबल जीरो बनारसी 90 रुपए किलो और प्योर बनारसी 120 रुपए किलो के रेट की है.
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