Ram Mandir Opening: प्राण प्रतिष्ठा के चौथे दिन आज देवता पूजन समेत होंगी 21 वैदिक प्रक्रियाएं, जानें- पूरा कार्यक्रम
Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर में रामलला की श्याम वर्ण प्रतिमा को स्थापित किया गया है. इस मूर्ति में 5 वर्ष के रामलला कमल के फूल पर खड़े नजर आए.
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले विधि विधान और अनुष्ठानों का आज चौथा दिन हैं. आज भी मंदिर में विभिन्न प्रकार की पूजा अर्चनाओं का दौर जारी रहेगा. मंदिर में आज भी 21 प्रकार की पूजन प्रक्रियाएं होंगी, जिनमें प्रभु राम के देवता पूजन से लेकर नवग्रह पूजा और आरती भी शामिल हैं. इससे पहले गुरुवार को रामलला के विग्रह को गर्भगृह में स्थापित किया गया.
मंदिर में रामलला की श्याम वर्ण प्रतिमा को स्थापित किया गया है. इस मूर्ति में 5 वर्ष के रामलला कमल के फूल पर खड़े नजर आए. उनके मुख और हाथ पर पीले रंग के वस्त्र से ढंके हुए नज़र आए, जबकि सफेद रंग से छाती वाला हिस्सा कवर था. हालांकि इस दौरान भगवान के चरण खुले हुए थे. ऐसे में लोगों ने उनके चरणों के दिव्य दर्शन पाए. आज भी भगवान की पूजा अर्चना का दौर जारी रहेगा. आईए आपको बताते हैं कि आज कौन-कौन से पूजन और विधि-विधान होने हैं.
जानें- आज (19 जनवरी) कौन-कौन से पूजन होंगे
प्राण प्रतिष्ठा आज चौथे दिन भी 21 वैदिक पूजन प्रक्रियाएं होंगी.
1- स्थापित देवतापूजन- जो देवता कल स्थापित किए गए, उनका पूजन होगा
2- द्वारपालों द्वारा वेद पारायण- यज्ञ में चार द्वारपाल ब्राह्मण का पूजन
3- देवप्रबोधन- देवता को जगाने की पूजन विधि
4- औषधाधिवास— रामलला के विग्रह को औषधियों में रखा जाएगा
5- केसराधिवास— रामलला के विग्रह को सुगंधित केसर में रखा जाएगा
6- घृताधिवास- रामलला के विग्रह को घी में रखा जाएगा
7- कुंडपूजन- यज्ञ कुंड का पूजन होगा
8- पंचभूसंस्कार— हवन करने से पूर्व अग्नि के पाँच संस्कार होते हैं, उन्हीं को पंचभूसंस्कार कहते हैं
9- अरणीमंथन- अग्नि मंत्र का उच्चारण करते हुए अग्नि को प्रकट किया जाता है और फिर वैश्विक कल्याण के लिए उसी अग्नि में हवन किया जाता है
10- अग्निस्थापन— कुंड में अग्नि स्थापित की जाती है
11- ग्रहस्थापन— नौ ग्रहों को स्थापित किया जाएगा
12- असंख्यातरुद्र पीठ स्थापन—असंख्यातरुद्र की स्थापन करके पूजन और असंख्य रुद्र का पूजन
13- प्रधानस्थापन— प्रधान वेदी का स्थापना
14- वारुणमंडल— नक्षत्रों का एक मंडल जिसमें रेवती, पूर्वाषाढ़ा, आर्द्रा, आश्लेषा, मूल उत्तरभाद्रपद और शतभिषा हैं. कुल 27 नक्षत्र हैं उनका पूजन
15- योगिनीमंडल स्थापना- 64 योगिनियों का पूजन
16- क्षेत्रपालमंडल स्थापन- क्षेत्रपाल का पूजन, आसुरी शक्तियों को रोकने के लिए
17- ग्रहहोम- नौ ग्रहों का पूजन
18- स्थाप्यदेवहोम— स्थापित देवताओं का पूजन
19- प्रासाद वास्तुशांति— निर्माण वास्तु की शांति के लिए पूजन
20- धान्याधिवास— अनाज में प्रभु के विग्रह को रखना
21- पूजन व आरार्तिक्यम- आरती व पूजन