(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ram Mandir Opening: मुंबई से पैदल अयोध्या जा रही राम भक्त शबनम पहुंची महोबा, हिंदू संगठन ने किया जोरदार स्वागत
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए शबनम शेख मुंबई से पैदल निकल पड़ी हैं. यूपी के महोबा पहुंचे ही हिंदू संगठन ने उनका जोरदार स्वागत किया.
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा में सहभागिता के लिए मुंबई से पैदल चली शबनम शेख 28 दिन का सफर तय कर आज यानी 18 जनवरी को बुंदेलखंड के महोबा पहुंची हैं. 1350 किलोमीटर के सफर तय कर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के रास्ते महोबा पहुंचीं शबनम शेख का हिंदू संगठन ने जोरदार स्वागत किया. 20 वर्ष की शबनम बचपन से ही भगवान राम में आस्था रखती चली आई हैं और इस कठिन पैदल यात्रा में उनके पैरों में छाले पड़ चुके हैं, लेकिन उनकी आस्था के सामने यह छाले बौने नजर आ रहे हैं. शबनम अपने दोस्तों के साथ भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होकर अपने भाव को उनके सामने रखना चाहती हैं. सफर में तमाम दुश्वारियों के बीच शबनम के चेहरे में न थकान दिखाई दी और न ही उसके चेहरे में कोई मायूसी है. राम नाम और राम भजन गाते हुए शबनम अपने सफर को आसान बना रही हैं.
अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसे में देशभर में उत्सव का माहौल है. भगवान राम से आस्था के चलते राम भक्त धर्म को भी आड़े नहीं आने दे रहे हैं. मुंबई की रहने वाली शबनम शेख सिर में हिजाब बांधे हाथ में भगवान राम का ध्वज लिए अयोध्या के लिए निकली हैं. वह अपने दोस्तों के साथ 1578 किलोमीटर के कठिन सफर को तय कर अयोध्या जाने की मंशा रखती हैं. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमाओं से होते हुए शबनम शेख अपने सफर की 29वें दिन बुंदेलखंड के महोबा में हैं. कड़ाके की ठंड और लंबा सफर भी उनकी आस्था के सामने छोटी नजर आ रही है. महोबा पहुंचते ही शबनम और उसके साथियों का हिंदू संगठन के लोगों ने जोरदार स्वागत किया.
प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पैदल निकली शबनम
रास्ते में थकावट होने के चलते सड़क किनारे बैठी शबनम अपने पैरों पर पड़ चुके छालों की तकलीफ को मिटाने की नाकाम कोशिश कर रही हैं, तो वहीं पैरों में उठ रहे दर्द को अपने ही हाथों से दबाकर काम करने की भी कोशिश करती दिखाई दी हैं. शबनम बताती है कि उनके पैरों में छाले पड़ चुके हैं तो पैरों का दर्द भी असहनीय हैं. मगर प्रभु राम से अपार स्नेह और लगन के चलते यह दर्द भी उसे महसूस नहीं हो रहा है. शायद यही वजह है कि शबनम बिना रुके बिना थके भगवान राम के दरबार जाने के लिए चली जा रही हैं. हाथ में लिए राम ध्वज के साथ-साथ शबनम राम भजन गाती दिखाई दे रही हैं. शबनम बताती हैं कि वह मुंबई के जिस इलाके में रहती है, वहां आपसी प्रेम और भाईचारा इस कदर है कि लोग एक दूसरे के त्योहारों को परंपरा तरीके से मानते चले आ रहे हैं.
उन्होंने अजान के साथ-साथ भजन को भी बचपन से सुना है. जिसके चलते उनके मन में प्रभु राम से अपार स्नेह और लगन लग चुकी है. इसी के तहत वह 500 वर्षों बाद भगवान राम के सिंहासन पर विराजमान होने पर इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनना चाहती हैं. वह बताती हैं कि उसके मन में बहुत सारे भाव हैं, जो भगवान राम के दरबार में पहुंचकर वह व्यक्त करेंगी. इस दौरान उसकी माने तो जगह-जगह लोगों ने उसका स्वागत कर हौसला बढ़ाया है. जिससे उसके सफर में नई ऊर्जा उसे मिल रही है. (इमरान खान की रिपोर्ट)
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