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अस्थाई मंदिर में शिफ्ट हुए रामलला, हनुमान जी की खंडित प्रतिमा सरयू नदी में विसर्जित; नई गर्भगृह में स्थापित
राम जन्म भूमि के निर्माण के मद्देनजर रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया गया है। वहीं, हनुमान जी की खंडित प्रतिमा को सरयू नदी में विसर्जित किया गया है। वहीं, नई प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया गया है।
अयोध्या, एबीपी गंगा। राम जन्म भूमि के निर्माण के मद्देनजर राम लला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से राम जन्मभूमि निर्माण के कार्य पर फिलहाल तो गति धीमी हो गई है, लेकिन जल्द ही उसकी समतलीकरण के साथ मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा। राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मंदिर निर्माण के निमित्त भगवान राम लाला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट करवा दिया। इसके बाद ही एक नई बात का खुलासा हुआ है कि रामलला के गर्भ गृह में पिछले काफी दिनों से हनुमान जी की खंडित मूर्ति की पूजा की जा रही थी, जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अवैध है।
धार्मिक मान्यताएं हैं कि किसी भी खंडित प्रतिमा की पूजा नहीं की जा सकती है, लेकिन 1992 में अयोध्या विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन आईं और उसके बाद सत्येंद्र दास के मुताबिक, काफी लंबे समय से एक फुट की मूर्ति खंडित थी, जिसकी पूजा-अर्चना हो रही थी। रामलला को नए स्थाई मंदिर में शिफ्ट करने के दरमियान रामलला के पुजारियों ने इसकी सूचना ट्रस्ट के पदाधिकारियों को दी और ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने हनुमान की खंडित प्रतिमा को सरयू नदी में विसर्जित करते और दूसरी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा रामलला के गर्भ ग्रह में कराई है।
अब हनुमान जी की दूसरी प्रतिमा भगवान राम लला के गर्भगृह में विराजमान की गई है। इसके साथ ही, रामलला के गर्भ गृह में लगे तंबू को भी आज हटाया जा रहा है। पूर्व में रामलला इसी तंबू के नीचे विराजमान थे। अब रामलला को नए स्थाई मंदिर में शिफ्ट करने के साथ ही पुराने पेंट स्ट्रक्चर, जिसके नीचे पूर्व में रामलला विराजमान थे, उसको भी हटा दिया गया है। अब विराजमान रामलला के गर्भ ग्रह है को पूर्ण रूप से खाली करा दिया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉकडाउन खोलने के साथ ही जल्दी रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के आधार पर किसी भी खंडित प्रतिमा की पूजा नहीं की जा सकती, ऐसे में राम जन्मभूमि के गर्भ गृह में खंडित मूर्ति की पूजा स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठाती है। हालांकि राम जन्मभूमि के पुजारी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला दे रहे थे। तत्कालीन समय में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद ही कोई भी बदलाव रामलला के पूजा सुरक्षा रखरखाव में किया जा सकता था। परंतु काफी लंबे समय से हनुमान जी की प्रतिमा खंडित थी और अब श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने खंडित हनुमान जी की एक फुट की प्रतिमा को सरयू में विसर्जित करवा दिया है। वहीं, दूसरी प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा कराकर रामलला के गर्भगृह में विराजमान कराया गया है।
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान हनुमान जी की गर्भ गृह में दो मूर्तियां स्थापित की गई हैं, एक छोटी और एक बड़ी। 25 मार्च को अस्थाई मंदिर में रामलला को स्थापित करने के समय इसकी सूचना ट्रस्ट के पदाधिकारियों को दी गई गई थी। ट्रस्ट ने हनुमान जी की खंडित प्रतिमा को सरयू में विसर्जित करा दिया और उसके स्थान पर दूसरी हनुमान जी की छोटी प्रतिमा रामलला के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठित कराकर विराजमान कराया गया है रामलला के प्रधान पुजारी के अनुसार यह मूर्ति काफी दिन पूर्व खंडित हुई थी।
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