Uttarakhand News: उत्तराखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का असर दिखने लगा है. कुमाऊं के मंदिरों को फिर से ठीक करने की कवायद शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री ने संबोधन में मानस खंड के अंतर्गत आने वाले तमाम मंदिरों का पुनर्निर्माण करने की घोषणा की थी. राज्य सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पौराणिक मंदिरों को विकसित कराने में जुट गई है. इसी क्रम में रामनगर स्थित गर्जिया माता मंदिर के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है. 9 करोड़ से भी ज्यादा का बजट शासन को भेजा गया है. बजट की स्वीकृति मिलने के बाद गर्जिया माता मंदिर का विकास किया जाएगा. गर्जिया मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है.
पौराणिक मंदिर को संरक्षित करने पर खर्च होंगे 9 करोड़
मान्यता है कि गिरिराज हिमालय की पुत्री गर्जिया माता टीले पर विराजमान हैं. गर्जिया माता पार्वती का स्वरूप मानी जाती हैं. गर्जिया माता मंदिर कोसी नदी के बीचो-बीच टीले पर स्थित है. गंगा के स्वरूप कोसी को शास्त्रों में कौशिकी नदी भी कहा जाता है. हजारों लोगों की आस्था नदी के प्रति बनी रहती है.
गर्जिया माता का जिक्र स्कंद पुराण में आता है. मंदर का दर्शन करने अमीर घराने के लोग भी पहुंचते हैं. गर्जिया माता मंदिर की टाइल धीरे-धीरे दरकने लगी है. दरार लगातार बढ़ती जा रही है. सुरक्षा के लिए मंदिर को तिरपाल से ढांका गया था. टीले को बचाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. राज्य सरकार ने टीले का संरक्षण करने के लिए 9 करोड़ से भी ज्यादा का बजट बनाया.
बजट की मंजूरी के बाद शुरू कराया जाएगा विकास कार्य
गर्जिया माता मंदिर के पुजारी ने भी सरकार से जल्द दखलअंदाजी की मांग की है. संस्कृति सचिव हरिश्चंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इच्छा के अनुसार गर्जिया माता मंदिर का भव्य स्वरूप बचाए रखने में कामयाब होंगे. बजट की स्वीकृति के बाद फौरन निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मानस खंड के अंतर्गत आने वाले तमाम मंदिरों की देखरेख का काम शुरू कर दिया गया है. उत्तराखंड के मंदिरों से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है. उत्तराखंड सरकार का काम विभाग बखूबी निभाएगा. गर्जिया माता मंदिर का दर्शन करने सालाना लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी समय-समय पर दर्शन करने आते हैं. उनका गर्जिया माता मंदिर में अटूट विश्वास है.