Ramnagar News: सीएम के दौरे के दौरान हुआ था हंगामा, 3 युवको के खिलाफ शिकायत दर्ज, लोगों में बढ़ा और भी आक्रोश
Uttarakhand News: रामनगर के रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय की व्यवस्था लंबे समय से सवालों के घेरे में हैं. अस्पताल की पीपीपी मोड पर कार्यप्रणाली को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कई प्रदर्शन हो चुके हैं.
Ramnagar News: उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुए बस हादसे में घायल लोगों को रामनगर के रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था.अस्पताल में उपचार की अव्यवस्थाओं को लेकर स्थानीय लोग पहले से ही असंतोष व्यक्त कर रहे थे, और 4 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अस्पताल दौरे के दौरान इस असंतोष ने खुलकर स्वर लिया. स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति और इलाज की समस्याओं पर नाराजगी जताते हुए अस्पताल को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड से हटाने की मांग की.
रामनगर के सरकारी अस्पताल को पिछले कुछ सालों से पीपीपी मोड पर चलाया जा रहा है. जिसके कारण स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी हो गई हैं और इलाज का स्तर गिरा है.रामनगर के नागरिकों का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टरों और सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को सही तरीके से इलाज नहीं मिल पाता है.अल्मोड़ा सड़क हादसे के बाद अस्पताल में लाए गए घायलों का भी ठीक से इलाज नहीं हो पाया, और उन्हें अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ा.
अस्पताल की खामियों के चलते प्रदर्शन
मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान स्थानीय लोगों ने अस्पताल की खामियों को उजागर करने के लिए प्रदर्शन किया.उनका कहना है कि यह प्रदर्शन मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं था. बल्कि अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए किया गया था.प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार इस अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाकर पूरी तरह से सरकारी मोड में संचालित करे ताकि लोगों को किफायती और बेहतर इलाज मिल सके.
तीन के खिलाफ शिकायत दर्ज
मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कुछ स्थानीय मुस्लिम युवकों पर भाजपा नगर अध्यक्ष मदन जोशी ने मुख्यमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और अशांति फैलाने का आरोप लगाया है. जोशी ने चांद, फरमान और जावेद नामक युवकों पर मुख्यमंत्री का रास्ता अवरुद्ध करने और अशांति फैलाने के आरोप में रामनगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई.उन्होंने इन युवकों पर मुख्यमंत्री के वाहन को घेरने और अपशब्द कहने का आरोप लगाया है, जिससे सार्वजनिक शांति भंग हुई.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
रामनगर कोतवाली के कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि भाजपा नगर अध्यक्ष द्वारा दी गई शिकायत पर जांच की जा रही है.कोतवाल ने कहा कि सभी तथ्यों की जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. उनका कहना है कि उनके आंदोलन का उद्देश्य अस्पताल में इलाज की व्यवस्था सुधारने का था, लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर तीन लोगों पर आरोप लगाए जा रहे हैं.
अस्पताल की दुर्दशा पर उठते सवाल
रामनगर के रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय की व्यवस्था लंबे समय से सवालों के घेरे में हैं.अस्पताल की पीपीपी मोड पर कार्यप्रणाली को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कई प्रदर्शन हो चुके हैं.स्थानीय संगठन और समाजसेवी भी समय-समय पर अस्पताल को लेकर विरोध जताते आए हैं, परंतु प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.ग्रामीणों का कहना है कि अल्मोड़ा हादसे के घायलों का सही उपचार नहीं मिलने की वजह से उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं.
अस्पताल के पीपीपी मोड से हटाने की मांग
स्थानीय लोगों का मानना है कि रामनगर के इस अस्पताल को सरकारी मोड पर लाने से ही समस्याओं का समाधान हो सकता है.पीपीपी मोड के कारण यहां स्वास्थ्य सेवाएं प्राइवेट सुविधाओं की तरह महंगी हो गई हैं और आम नागरिकों के लिए इन्हें वहन करना मुश्किल हो रहा है.सरकार से लगातार मांग उठाई जा रही है कि इस अस्पताल को पूरी तरह सरकारी मोड में वापस लाया जाए ताकि लोगों को किफायती और गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हों.
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