Ramnagar: 38 दिन बाद भी वन विभाग की पकड़ से बाहर बाघ, अब ट्रेंकुलाइज की रणनीति बनाने की तैयारी
Uttarakhand News: मोहान क्षेत्र में हिंसक बने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए वन विभाग ने रेसक्यू सेंटर से एक सीनियर वैटनरी ऑफिसर की टीम बुलाई है.
Ramnagar News: मोहान (Mohan) क्षेत्र में हिंसक बने बाघ को ट्रेंकुलाइज (Tranquilize) करने के लिए वन विभाग ने हरिद्वार चिड़ियापुर के रेसक्यू सेंटर (Rescue Centre) से एक सीनियर वैटनरी ऑफिसर की टीम बुलाई है. अब कॉर्बेट के एक्सपर्टों के साथ ही ये दोनों टीमें बाघ को ट्रेंकुलाइज करेंगी. बता दें कि रामनगर के मोहान क्षेत्र में हिंसक हुए दो बाघों को पकड़ने की अनुमति कॉर्बेट प्रशासन को मिल चुकी है. लेकिन घटना के 38 से ज्यादा दिन बाद भी बाघ अभी भी वन विभाग की पकड़ से बाहर है.
दोनों टीमें बाघ को ट्रेंकुलाइज करेंगी
सीटीआर निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि बाघों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए कॉर्बेट के एक्सपर्टों के साथ ही हरिद्वार के चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से भी अनुभवी सीनियर वैटनरी ऑफिसर को बुलाया है. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लेंगे, हमारी टीम लगातार मौके पर तैनात है. रामनगर के मोहान क्षेत्र में हिंसक हुए दो बाघों को पकड़ने की अनुमति कॉर्बेट प्रशासन को मिल चुकी है. लेकिन बाघ अभी भी गिरफ्त से बाहर है.
बाघ के हमले के बाद सर्तक वन विभाग
बता दें कि 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के तहसील हसनपुर गांव निवासी 25 वर्षीय अफसरुल अपने साथी मोहम्मद अनस पुत्र शकील अहमद के साथ घूमने के लिए निकले थे. वह पहले नैनीताल से रानीखेत होते हुए अल्मोड़ा घूमने निकले. 16 जुलाई शनिवार देर शाम को ही अल्मोड़ा से वाया रामनगर होते हुए वह अमरोहा को जा रहे थे. इसी बीच मोहान क्षेत्र घात लगाए बाघ ने उस पर हमला कर दिया और पीछे बैठे अफसारुल को खींचकर जंगल ले गया. तब से ही विभाग ने इन बाघों को पकड़ने के लिये सर्च ऑपरेशन चलाया है.
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