Ramnagar News:  मोहन में हुई घटना के बाद रविवार सुबह घटना का जायजा लेने पूर्व सीएम हरीश रावत मौके पर पहुंचे. उन्होंने डीएम समेत वन विभाग के कई अधिकारियों से मौके पर ही बात की, वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने बाघ को पकड़े नहीं जाने पर वनविभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. साथ ही नेशनल हाइवे 309 को जाम कर दिया. इसके चलते कई किलोमीटर का जाम भी लग गया. वहीं स्थानीय प्रशासन, लोगों को समझाकर जाम हटाने का प्रयास कर रहा है, कई ग्रामीणों ने कहा कि घटना के 15 घंटे बाद भी स्थानीय विधायक पीड़ित परिवार का हाल तक पूछने नहीं पहुंचे.


गांव के लोगों पर बाघ का दूसरा अटैक
रविवार को मोहन पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि जाम तो उचित है. गांव के लोगों पर बाघ का ये दूसरा अटैक है. लोगों में गुस्सा है. बॉडी भी ट्रेस नहीं की गई है. पूर्व सीएम रावत ने कहा कि मेरी डीएफओ और चीफ मिनिस्टर से भी बात हो गयी है, मैंने कहा कि अगर शव को नहीं खोज पाएंगे तो जितने शेर उस शव को खाएंगे वो सब आदमखोर हो जाएंगे. वो तो इनकी प्राथमिकता होनी होनी थी.


उन्होंने कहा कि सर्च पार्टियां बनाकर जंगल में भेजी जानी चाहिए थीं, ताकि उस शव को दूसरे शेर न खा सके और यहां पिंजरा लग जाना चाहिए था. उस परिवार को जल्द ही मुआवजा दें, यहां पिंजरे लगाए लोगों को शक है कि क्षेत्र में एक से ज्यादा बाघ हैं, साथ ही आदमखोर बाघ को मारने की अनुमति दें.


'बाघ को मारने पर बात करेंगे'
बीते कई महीनों से क्षेत्र में बाघ की दहशत है, लेकिन रामनगर के सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों ने बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग पर कोई दबाव नहीं बनाया. इसके चलते क्षेत्र में कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, उन्होंने मौके पर पहुंचकर डीएम और कई वनाधिकारियों को फोन कर निर्देश दिए कि आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि वह वन विभाग के उच्चाधिकारियों से आदमखोर बाघ को मारने बात रखेंगे.


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