(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rampur Bypoll: अपने किले को बचाने के लिए Azam Khan की भावुक अपील, कहा- 'काश हमें मालूम होता...'
Rampur by-election: Azam Khan ने कहा, जो सलूक हमारे साथ हुए वह तो हिटलर ने यहूदियों के साथ भी नहीं किए थे. कई जिंदगियां चाहिए इन सजाओं को भुगतने के लिए. मुझे खो देने के बाद तुम खुश नहीं रह सकोगे.
Rampur Assembly by-Election: यूपी में रामपुर विधानसभा उपचुनाव में अब सियासी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं क्योंकि सपा नेता आजम खान (SP leader Azam Khan) का अलग अंदाज देखने को मिल रहा है. कभी आजम खान लोगों से शिकवे शिकायतें करते नजर आ रहे हैं तो कभी खुद को मार देने की पेशकश कर रहे हैं. ऐसे में आजम खान का यह बर्ताव खान के चाहने वालों के लिए जितना दर्द भरा है उतना ही विपक्ष इसे सोची-समझी स्क्रिप्ट बता रहा है. अब देखना होगा कि आजम खान क्या इमोशनल कार्ड खेलकर अपने किले को बचा पाएंगे या रामपुर के राजनीतिक इतिहास (Rampur Bypoll) में कोई बड़ा परिवर्तन होने वाला है. आइए जानते हैं आजम खान ने रामपुर के मोहल्ला नाला पार में हुए जलसे में क्या कुछ कहा.
सपा नेता आजम खान ने जनसभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर सपा प्रत्याशी आसिम रजा के लिए भावुक अपील की. अपने संबोधन के दौरान आजम खान ने एक व्यक्ति के हंसने पर गुरेज जताया. आजम खान ने कहा आप अपने पर हंस रहे हैं या हम पर हंस रहे हैं, कितना हंसोगे अपने ऊपर, हम पर तो दुनिया हंस रही है, थू कह रही है, हंसो और हंसो, हमसे ज्यादा बेशर्म और कौन हो सकता है. इतना कुछ कहने के बाद भी तुम्हारे अंदर हंसने की हिम्मत है. मैं दाद देता हूं तुम्हारी सेहत को. वाह-वाह, जमाना वाह...
काश हमें मालूम होता- आजम
आजम खान ने कहा सरकारें बहुत सी आईं. हमारी सरकारें भी आईं लेकिन अमन और शांति थी. हमारी सरकार में मोहब्बत थी. हम तो यह जानते ही नहीं थे कि सरकारों का यह काम भी है. हमें तो यह खबर ही नहीं थी कि सरकारों का काम घरों के दरवाजे तोड़ना है, औरतों के चेहरों पर थप्पड़ मारना है, घसीटकर ले जाकर थानों में बंद कर देना है, बेगुनाह लोगों को महीनों और वर्षों जेलों में डाल देना है. उनके हाथों से कलम और मुंह से जबान खींच लेना है.
आजम ने आगे कहा, हमने तो यह समझा था कि हम विधायक हो गए, सांसद हो गए, मंत्री हो गए तो हमें सड़कें बनवानी हैं, पुलिया बनवानी है, इमारतें बनवानी हैं, पेंशन करानी है, बेरोजगारों को रोजगार दिलवाना है, जिनके पास घर नहीं है उन्हें घर दिलवाना है. काश अगर हमें यह मालुम हुआ होता कि सरकारों का यह काम भी है तो 50 साल के इस सियासी सफर में और चार बार की सियासी ताकत में मैं वो कर सकता था जो रामपुर में एक नई तारीख लिख देता.
आजम खान ने कहा मैं अपने बच्चे की उम्र साबित नहीं कर सका, उसे पैदा करने वाली मां अपनी औलाद की उम्र साबित नहीं कर सकी यह हमारी बदकिस्मती नहीं है तो क्या है. आजम ने कहा मैं चोर हूं, मैं बकरियों का डाकू हूं, भैंस का डाकू हूं, मुर्गी का डाकू हूं, फर्नीचर का डाकू हूं, किताबों का डाकू हूं. ए अल्लाह हिंदुस्तान में ऐसे लाखों लोग पैदा कर दे जो मुर्गियों की डकैती करें, भैंस की डकैती करें, किताबों की डकैती करें, मशीन की डकैती करें लेकिन यूनिवर्सिटी बनवा दें. आजम खान ने कहा मैं मेरी औलाद अदालत के सामने अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर सकी और ना हम अस्पताल का सर्टिफिकेट साबित कर सके, ना नगर निगम का साबित कर सके, ना मां की मेटरनिटी लीव साबित कर सके, ना डॉक्टर का बयान साबित कर सकें और हम सजा के दरवाजे पर खड़े हैं.
यहूदियों से भी बुरा सलूक- आजम
आजम ने कहा जो सलूक हमारे साथ हुए वह तो हिटलर ने यहूदियों के साथ भी नहीं किए थे. आजम खान ने अपने ऊपर चल रहे मुकदमों का जिक्र करते हुए कहा कि, दरवाजे पर रोज दस्तक होती है. कल 24 मुकदमों में तारीख है, अगले दिन 25 मुकदमों में तारीख है और हर दफा में उम्र कैद की सजा है. कई जिंदगियां चाहिए इन सजाओं को भुगतने के लिए. मुझे खो देने के बाद तुम खुश नहीं रह सकोगे, आबाद नहीं रह सकोगे.