UP Election 2022: आजम खान के बेटे और पत्नी ने एक ही सीट से दाखिल किया अपना नामांकन, जानें वजह
UP Elections: जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान के बेटे और पत्नी ने पार्टी के उम्मीदवार के रूप में एक ही विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है.
UP Assembly Election 2022: जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान के बेटे और पत्नी ने पार्टी के उम्मीदवार के रूप में एक ही विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. निर्वाचन आयोग (ईसी) की वेबसाइट के मुताबिक मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान और उनकी मां तजीन फातिमा ने रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट से अपना हलफनामा दाखिल किया है. अब्दुल्ला आजम खान को हाल में ही जेल से रिहा किया गया था.
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान ने बृहस्पतिवार को रामपुर सीट से विधानसभा चुनाव के लिए जेल में रहते हुए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. स्वार सीट से दोहरे नामांकन पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हैदर ने बताया, ‘‘हमने देखा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार ने रामपुर का विकास करने वाले एक पूर्व मंत्री को बकरी और साइकिल चोरी के तुच्छ मामलों में फंसाया है. वे हमारे उम्मीदवारों के नामांकन में भी हेर-फेर कर सकते हैं और राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनके चुनाव लड़ने पर अडंगा लगा सकते हैं.’’
अब्बास हैदर ने कही ये बात
अब्बास हैदर ने कि सपा चुनावों में उत्तर प्रदेश से बीजेपी और उसके ‘जंगल राज’ को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. सपा के उम्मीदवारों की सूची के मुताबिक स्वार सीट से मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान उम्मीदवार हैं. उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले चुनाव के दूसरे चरण के दौरान 14 फरवरी को स्वार में मतदान होना है. जालसाजी और जमीन हड़पने के मामलों सहित कई आरोपों के तहत मामला दर्ज होने के बाद आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे ने 2020 में रामपुर की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. फातिमा को 2020 में जमानत मिल गई, मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को इस साल जनवरी में लगभग दो साल की जेल की सजा के बाद रिहा कर दिया गया. वहीं, आठ बार के विधायक और लोकसभा सदस्य आजम खान जेल में हैं. बता दें कि आजम खान ने 2017 के चुनावों में रामपुर विधानसभा सीट से 47 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त करके जीत हासिल की थी. बाद में वह 2019 में लोकसभा के लिए चुने गए और उपचुनाव में फातिमा रामपुर सीट से विधायक बनीं. उनके बेटे अब्दुल्ला ने 2017 में अपने पहले चुनाव में स्वार विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी.