Rampur News: रामपुर (Rampur) में एक बार फिर उपचुनाव के लिए एलान हो गया है. लगभग एक साल के अंदर यह चौथा चुनाव रामपुर में होने जा रहा है. रामपुर में पहले लोकसभा का उपचुनाव हुआ, उसके बाद विधानसभा के आम चुनाव हुए और फिर रामपुर की शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ और अब रामपुर की ही स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. यहां स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को नतीजे आएंगे.


बार-बार चुनाव को लेकर रामपुर की जनता का कहना है कि इस बार ऐसे प्रत्याशी को चुनाव में जीताया जाए, जो विकास कार्य कराए क्योंकि एक ही परिवार के लोगों को चुनाव में चुनने से रामपुर के लोगो को बार बार उपचुनाव का सामना करना पड़ रहा है. पहले रामपुर में आजम खान ने लोकसभा से इस्तीफा दिया तो यहां लोकसभा का उपचुनाव हुआ और उसमें समाजवादी पार्टी चुनाव हार गई और बीजेपी के घनश्याम लोदी यहां से सांसद बन गए. 


स्वार विधानसभा सीट पर कराए जाएंगे उपचुनाव 
इसके बाद रामपुर में विधानसभा के आम चुनाव हुए और उसके बाद आजम खान को कोर्ट के 3 साल की सजा होने के बाद रामपुर की शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के आकाश सक्सेना ने जीत हासिल की और सपा के आसिम राजा को दूसरी बार उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. अब एक बार फिर रामपुर की स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. 


स्वार विधानसभा सीट पर 2022 में सपा के अब्दुल्लाह आज़म विधायक बने थे, लेकिन कोर्ट से उन्हें 2 साल की सजा होने के बाद यह सीट खाली हुई और अब एक बार फिर रामपुर के लोगों को उपचुनाव में अपने मत का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा. बार-बार चुनाव होने से रामपुर की जनता का कहना है कि इससे विकास कार्य नहीं हो पाते हैं और सरकारी धन का नुकसान होता है इसलिए इस बार जनता ने मन बनाया है कि वह ऐसे प्रत्याशी को चुनाव जीता कर भेजेंगे जो रामपुर की जनता की सेवा कर सके.


जनता ने कही ये बात
रामपुर के लोगों का कहना है की यहां किसी ने भी विकास के कार्य नहीं कराए इसलिए वह चाहते हैं कि इस बार ऐसा जनप्रतिनिधि चुना जाए जो विकास कार्य कराए. आज़म खान पर हुई कार्रवाई की वजह से रामपुर की जनता को उपचुनाव का सामना करना पड़ रहा है और वह इससे परेशान दिखाई दे रहे हैं.


पहले रामपुर की राजनीति में आज़म खान के परिवार का वर्चस्व हुआ करता था, लेकिन अब धीरे धीरे यहां भारतीय जनता पार्टी का कमल मजबूत होता जा रहा है और इस बार आजम खान के सामने अपने बेटे अब्दुल्लाह आजम की विधानसभा सीट बचाने के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के किले को भी सुरक्षित करने की जिम्मेदारी है.


यह भी पढ़ें:-


UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी, जानें- कौन सी सीट किसके लिए आरक्षित