Rampur By-Election 2022: रामपुर उपचुनाव में सपा प्रत्याशी आसिम रजा के लिए आजम खान पूरे दमखम से जनसभाओं में जान फूंकने में लगे हैं. कभी इमोशनल कार्ड के जरिए तो कभी अपना दर्द बताकर वो लोगों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने जेल से लेकर उन पर तमाम मुकदमों को लेकर अपनी बात कही. आजम ने बुरे वक्त में उनका साथ छोड़ने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि मैं कम अक्ल आदमी हूं, अगर अक्ल होती तो क्या मैं उन्हें छोड़ने के काबिल छोड़ देता.
बेटे की उम्र को लेकर दी सफाई
आजम खान ने अपने विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड और पासपोर्ट होने की बात को गलत ठहराते हुए कहा, "हम ऐसे बदनसीब है जो इसकी पैदाइश को भी नहीं साबित कर सके. हम अस्पताल के सर्टिफिकेट को सच्चा साबित नहीं कर सके. हम नगर निगम के सर्टिफिकेट को सच्चा साबित नहीं कर सके. हम डॉक्टर के बयान को सच्चा साबित नहीं कर सके और मुजरिम बन गए. कहा गया कि दो पासपोर्ट हैं, नहीं दोस्तों एक पासपोर्ट खारिज हुआ है.. तो दूसरा बना है. दो पैन कार्ड है नहीं, एक खारिज हुआ है.. दूसरा बना है. यह हमने पहले कभी नहीं कहा लेकिन आज इसलिए कहना चाहते हैं कि हम मुजरिम नहीं हैं. हम आपके मुजरिम हो सकते हैं लेकिन हम जालिमाना निजाम के मुजरिम नहीं है."
आजम ने कहा, "मैं आपसे ये कहने आया हूं मैं सही था, मैं कल भी सही था मैं आज भी सही हूं. मैंने कल भी जालिम को अच्छा नहीं कहा और आज भी जालिम को अच्छा नहीं कहूंगा और मैं इंतजार करूंगा उस दिन का, मैं रहूं या ना रहूं.. आप तो रहोगे कोई ना कोई आप में से जरूर शख्स पैदा होगा, जो आज के हालात का इंतकाम लेगा. इंतकाम कभी हथियार से नहीं होता उसी तरह से इंतकाम होगा जिस तरह से हमें और हमारे प्यारों को बर्बाद किया गया है. आजम ने कहा कि आज जो तुम्हारे और हमारे साथ हुआ है, चार सरकारों में अगर मैंने ऐसा किया होता तो बच्चों तुम्हारी मुस्कुराहटों की कसम खाकर कहता हूं बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले यह पूछता कि पूछ लो आजम खान से बाहर निकलना भी है या नहीं.
कोरोना में भी मौत नहीं आई- आजम
आजम ने कहा कोरोना के मौत के बिस्तर पर 5 महीने लेटा रहा, मौत नहीं आई. मैं नहीं मर सका, मैं जिंदा हूं तुम्हारे सामने, तो जब जिंदा हूं तो याद रखना, जिंदा हूं. सपा नेता आजम खान ने शायराना अंदाज में अपने ख्वाब का जिक्र करते हुए कहा, 'देखे थे हमने जो वो हंसी ख्वाब क्या हुए.. वो वादा हाय,अदल से कम ख्वाब क्या हुए..' आजम खान ने कहा हमसे तो बापू ने कहा था कि ये वतन सबका होगा. सबके साथ इंसाफ होगा. उन्होंने कहा कि हम जान दे देंगे. हम अपनी नसें खुद काट कर मर जाएंगे लेकिन अपने चेहरे पर दाग लेकर हम अपनी कब्र में हरगिज़ नहीं जाएंगे.
जेल को लेकर बयां किया अब दर्द
आजम खान ने जेल में गुजारे पलों को याद करते हुए कहा जिंदगी के इस मोड़ पर खड़ा हूं जेल से निकला हूं और फिर जेल में वापस भेज दिया जाए. फैसला वही होगा जो मालिक चाहेगा लेकिन तुम सजा मत देना मेरे बच्चों. आज कुछ नहीं है हमारे हाथ में खाली है. ये दामन खाली है. इसी दामन में तुम्हारे बच्चों के लिए पूरे हिंदुस्तान से भीख मांगता फिरा. ये हाथ बूढ़े हो गए तुम्हारे बच्चों और आने वाली नस्लों के लिए भीख मांगते-मांगते कि तुम्हारे बच्चों के हाथों में कलम दे सकूं, तुम्हारे हाथों में झाड़ू ना आए, पोछा ना आए और तुम दरी बिछाने वाले ना बनो.
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