Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में विधायकी खो चुके आजम खान पर उस IAS ने सुनाई कहानी, जिसने दर्ज किया था केस
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से लेकर अब तक की पूरी कहानी आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने खुद बताई है.
UP News: हेट स्पीच मामले में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को रामपुर की कोर्ट से सजा सुनाई जा चुकी है. जिसके बाद उनकी विधान सभा की सदस्यता चली गयी है. आजम खान यूपी की राजनीति में बड़ा नाम है, वह रामपुर से 10 बार विधायक रहे हैं. इसके अलावा दो बार सांसद और कई बार यूपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. आजम खान को सजा होने के बाद हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इतने बड़े राजनितिक करियर वाले कद्दावर नेता की राजनीति को किसने चौपट कर दिया? आखिर ऐसा क्या बोला था आजम खान ने जो एक आईएएस अधिकारी को बुरा लग गया ? आजम खान को सजा का एलान होने के बाद टीवी चैनल पर पहली बार सुनिए खुद उस आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह से जो अब मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर हैं और उस समय 2019 में वह रामपुर के जिला अधिकारी हुआ करते थे.
मुरादाबाद मंडल के पांच जिलों के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह जो इससे पहले रामपुर के जिला अधिकारी हुआ करते थे, बात 2019 की है जब रामपुर में आंजनेय कुमार सिंह कलेक्टर थे और उसी दौरान लोकसभा चुनाव हो रहा था. सपा के कद्दावर नेता आजम खान सपा और बसपा के गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे. जिस हेट स्पीच के मामले में आजम खान को अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई है. वह घटना सात अप्रैल 2019 की है, जब आजम खान मिलक इलाके में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे.
क्यों दर्ज कराया था केस?
आजम खान ऐसा क्यों बोल रहे थे, उसके पीछे की वजह क्या थी जिले के कलेक्टर से वह इतने खफा क्यों थे? तत्कालीन कलेक्टर आंजनेय कुमार सिंह से आखिर उनके और आजम खान के बीच किस बात पर विवाद शुरू हुआ था? आंजनेय कुमार सिंह बताते हैं कि उन्होंने रामपुर में नियम विरुद्ध बने उर्दू गेट को तुड़वा दिया था और आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में बने सरकारी पीडब्लूडी के गेस्ट हॉउस को भी आजम खान के कब्जे से मुक्त कराया था. एक युनिनानी अस्पताल के डॉक्टर की शिकायत पर कार्यवाही की थी. इस तरह की कार्यवाही से आजम खान बौखलाए हुए थे और चुनाव में उन्होंने मुद्दा बना लिया था. आजम खान ने संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों को चैलेंज किया था. हमने जितने भी मुकदमें दर्ज कराये थे, उनमें कहीं कोई कमी नहीं थी. सब साक्ष्यों के आधार पर कराये थे.
आंजनेय कुमार ने कहा कि मैं सिक्किम कैडर से 2015 में सपा सरकार के समय यूपी में आया था. यह बात सही है लेकिन उससे पहले मेरा किसी नेता से कोई संबंध नहीं था. जो भी आमना-सामना हुआ वह आने के बाद ही हुआ. उन्होंने बड़ी बात यह बताई की जब आजम खान पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की थी और मुकदमे दर्ज हुए तो सपा नेता अखिलेश यादव ने मुझ से संपर्क किया था. आजम खान के लिए कहा भी था, लेकिन हम एक प्रक्रिया के अंतर्गत प्रशासन में काम करने वाले हैं. जनप्रतिधि जो कहेंगे हम उसको सुनेंगे, लेकिन कार्य तो वैसे ही होगा जो नियम है. हम राजनीतिक चीजों से प्रभावित नहीं हो सकते, हम चीजों को राजनीतिक तरीके से उनका राजनीतिकरण नहीं कर सकते, हम एक दायरे में काम करते हैं. इसलिए बहुत सी चिजों को जाहिर नहीं कर सकते. आपत्तिजनक भाषण तो आजम खान ने दिया था फिर उनके बेटे अब्दुल्लाह और पत्नी तंजीन फातिमा से दुश्मनी कैसे हो गयी. इस सवाल के जवाब में आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि जैसे-जैसे शिकायतें आती रही वैसे-वैसे कार्रवाई होती गयी क्योंकि वह भी जौहर ट्रस्ट के सदस्य हैं, इसलिए उनका भी नाम आना ही था.
नियम के अनुसार और सबूतों के आधार पर हुई थी कार्रवाई
आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि मैं रामपुर आना नहीं चाहता था, उसकी वजह व्यक्तिगत थी इस से पहले मैं फतेहगढ़ में था और अतिक्रमण को हटाने के लिए काफी चर्चा हुई थी. फतेहगढ़ मेरे दिल के करीब है और वहां के लोग बहुत अच्छे हैं. रामपुर में जब आजम खान पर कार्रवाई शुरू हुई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साफ आदेश थे कि नियम अनुसार कार्रवाई हो और हमने जो भी कार्रवाई या मुकदमे दर्ज किए. सब नियमानुसार किया चाहे यूनिवर्सिटी की जमीनों का मामला हो या फिर बकरी चोरी भैंस चोरी जैसे मुकदमे हों. वह शिकायतों और सबूतों के आधार पर हुए हैं.
आईएएस ने बताया कि आजम खान से विवाद शुरू होने के बाद परिवार को भी चिंता हुई थी. लेकिन हम सरकार के तहत काम करते हैं और हमारी जिम्मेदारी बनती है कि कानून अपना काम करे और सब कुछ नियमों के मुताबिक हो. अदालत से जो फैसला आया है उसमे मेरा रोल नहीं है बल्कि हमारी शासकीय अधिवक्ताओं की टीम काम है. जिन्होंने मेहनत कर के सबूतों को कोर्ट के सामने पेश किया और आजम खान को सजा हुई. ये भविष्य में अच्छा उद्धरण बन सकता है. आजम खान को सजा दिलाने का काम मैंने नहीं बल्कि हमारी पूरी व्यवस्था और शासकीय अधिवाताओं की पूरी टीम ने किया है.
अदालत ने भी एक बेहतर स्टैंड लिया, पहले आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम का चुनाव रद्द हुआ था. अब आजम खान की विधान सभा की सदस्यता चली गयी. इससे जाहिर होता है कि हमारी व्यवस्था और तन्त्र अच्छे से काम कर रहा हैं. मै अकेला नहीं हूं हमारे पीछे पूरी व्यवस्था और तंत्र काम करता है. ये ताकत सब सरकार की है जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से आती है और नीचे तक पहुंचती है. मैं एक लोक सेवक हूं राजनीति में आना और चुनाव लड़ना बहुत आगे की बात है, यह मेरी रूचि का विषय नहीं है.
क्या 2024 में रामपुर से चुनाव लडेंगे?
अगर किस्मत में हुआ तो क्या 2024 में रामपुर से चुनाव लड़ेंगे? इसपर आंजनेय कुमार सिंह ने हैं कि किस्मत का कुछ पता नहीं लेकिन मैंने जहां भी काम किया वहां के लोगों से मुझे लगाव है. मैं आज जहां हूं, उसमें ईश्वर का बहुत बड़ा आशीर्वाद है और मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि अपने प्रदेश में लोगों की सेवा कर रहा हूं. इसपर खान बहुत अनुभवी नेता हैं, उनसे विवाद के बाद से मेरे जीवन में बहुत कुछ बदलाव आया है और हमे हमेशा अलर्ट रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा था की सियासी लोगों से कभी पंगा नहीं लेते तो हम अधिकारी हैं. हमे उनसे अधिक अलर्ट रहने की जरूरत पड़ती है, हम उनकी तरह कोई भी टिप्णी अपने दायरे से बाहर जाकर नहीं कर सकते उनसे अलर्ट रहना तो सीखा है. ये लड़ाई मेरे अकेले की नहीं थी ये पूरी टीम की लड़ाई थी, हमें उपर टॉप लेवल से नियम अनुसार कार्य करने की पूरी आजादी थी. मैं आखिर में यही कहना चाहूंगा कि जो आप अपने लिए पसंद करें. वहीं दूसरे के लिए बोलें कभी किसी के लिए ऐसा न बोले की उसका दिल दुखे और वह पसंद न करें, यह हम सब के लिए है. जो आप अपने लिए पसंद नहीं करते वह दूसरों के लिए भी न बोलें.