रामपुर, एबीपी गंगा। रामपुर में सपा प्रत्याशी आजम खान के विवादित बयान के बाद अब बेटे अब्दुल्ला आजम ने बीजेपी प्रत्याशी जयाप्रदा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिता के बाद अब बेटे ने जयाप्रदा के खिलाफ विवादित बयान दिया है। रामपुर के प्रचार के आखिरी दिन (21 अप्रैल) एक रैली के दौरान अब्दुल्ला आजम ने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा, 'अली भी हमारे, बजरंगबली भी हमारे। हमें अली भी चाहिए, बजरंगबली भी चाहिए, लेकिन अनारकली नहीं चाहिए।
अब्दुल्ला आजम का बयान
रविवार को पिता के समर्थन में रामपुर के एक रैली को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला आजम ने कहा, 'जो हमारे माथे पर गुलामी का कलंक था, वो फिर लग जाएगा। चुनाव विकास के नाम पर हो रहा है, लेकिन विकास न तो 2014 में हुआ और न 2017 में हुआ। यहां जिला तो दूर की बात है, कब्रिस्तान की बाउंड्री तक नहीं बनाई।' उन्होंने आगे कहा, 'अली भी चाहिए हैं, बजरंगबली भी चाहिए, लेकिन अनारकली नहीं चाहिए।'
रविवार को पिता के समर्थन में की थी रैली
बता दें कि रविवार को अब्दुल्ला आजम ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पान दरेबा में पिता आजम खान के समर्थन में रैली की थी। यूपी की हॉट सीट में शामिल रामपुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को चुनाव है। रविवार शाम 5 बजे के बाद इस सीट पर प्रचार अभियान थम गया। हालांकि, अब्दुल्ला के इस बयान ने नई बहस छेड़ दी है। इस दौरान अब्दुल्ला ने खुलकर जयाप्रदा का नाम तो नहीं दिया, लेकिन उनका इशारा साफ समझा जा सकता है।
अनारकली वाले बयान पर बढ़ी अब्दुल्ला की मुश्किल
इस बीच अनारकली वाले बयान पर अब्दुल्ला आजम की मुश्किल बढ़ गई है। उनके इस बयान पर रामपुर निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान लिया है और विवादास्पद बयान की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दी है। इस रिपोर्ट में अब्दुल्ला के बयान की फुटेज भी भेजी गई है।
रामपुर की हॉट सीट... जयाप्रदा Vsआजम खान
गौरतलब है कि जब से बीजेपी ने जयाप्रदा को रामपुर से अपना प्रत्याशी घोषित किया है, तभी से लगातार सपा प्रत्याशी आजम खान और जयाप्रदा के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। हालांकि, इस बयानबाजी पर विवाद तब खड़ा हो गया, जब एक रैली के दौरान आजम खान ने जयाप्रदा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
ये दुश्मनी बहुत पुरानी है...!
हालांकि, ये भी जानन जरूरी है कि आजम खान और जयाप्रदा के बीच की ये सियासी दुश्मनी कोई नई नहीं है। इसकी शुरुआत 2009 में हो गई थी। तब अमर सिंह समाजवादी पार्टी के चाणक्य हुआ करते थे। 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान के जबरदस्त विरोध के बावजूद मुलायम सिंह यादव ने जयाप्रदा को रामपुर से टिकट दे दिया था। जयाप्रदा चुनाव लड़ने जब रामपुर पहुंची, तो उन्हें आजम खान का भी सामना करना पड़ा। जयाप्रदा को आजम ‘नचनिया’ से लेकर ‘घुँघरू वाली’ तक कह चुके हैं। इतना ही नहीं, जयाप्रदा के विरोध में पूरे शहर में उनकी फिल्मों के अंतरंग दृश्यों के पोस्टर तक लगाए गए, लेकिन जयाप्रदा घूम घूम कर वोटरों के बीच आजम खान को भैया कहती रहीं। ये आरोप खुद जयाप्रदा ने आजम खान पर लगाया है।