शत्रु संपत्ति मामले में अब्दुल्लाह आजम की जमानत पर बहस पूरी, कोर्ट जल्द सुनाएगी फैसला
Azam Khan in Rampur MP MLA Court: MAJU से जुड़े शत्रु संपत्ति खुर्द बुर्द मामले की सुनवाई स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में पूरी हो गई. इस मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम आरोपी हैं.

Rampur News Today: रामपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में आज मंगलवार (18 फरवरी) को सपा महासचिव आजम खान की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े शत्रु संपत्ति खुर्द बुर्द मामले में सुनवाई हुई. इसके अलावा हरदोई जेल में बंद अब्दुल्लाह आजम की जमानत पर भी आज बहस पूरी हो गयी है. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
इस मामले में कोर्ट जल्द ही फैसला सुनाएगी. सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता मोहम्मद आजम खान ने जमानत अर्जी वापस ले ली है. हरदोई जेल में बंद सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी पर रामपुर कोर्ट में आज बहस पूरी हुई और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.
कोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित
आरोप है कि अब्दुल्ला आजम और अन्य आरोपियों ने मिलकर अपराध को अंजाम दिया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कुछ माह पहले शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के आरोप से घिरे सपा नेता आजम खान और अब्दुल्ला आजम को रामपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी. जिस पर यह मामला शासन तक पहुंचा था.
इसके बाद मामले में शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ल के खिलाफ जांच बैठा दी थी. दोबारा विवेचना के आदेश दिए गए थे. एसपी ने विवेचना अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह को सौंपी थी. नवाब सिंह इस वक्त रामपुर में शहर कोतवाल हैं. इस मामले में पिता-पुत्र को कोर्ट में आरोपी बनाया जा चुका है. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
'अब्दुल्ला आजम को झूठा फंसाया'
इसी मामले में अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई हुई. कोर्ट में अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पत्रावली पर उनके वादी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं. पुलिस ने सह अभियुक्त के बयान पर झूठा फंसाया है. अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी स्वदेश शर्मा ने दलील दी कि अब्दुल्ला आजम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया है और इसके सुबूत पत्रावली पर मौजूद हैं. लिहाजा, जमानत निरस्त की जाए.
दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. फैसला जल्द आने की उम्मीद है. रिकार्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में 9 मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद और अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के अंतर्गत आने वाली भूमि का है, जो कि इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी. इमामुद्दीन कुरैशी 1947- 48 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में सन 2006 में भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग के अंतर्गत दर्ज कर ली गई थी.
रिकॉर्ड की जांच करने पर यह मामला प्रकाश में आया कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया गया है, इसमें आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया गया था और रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे.
आजम खान ने अर्जी ले ली वापस
सीतापुर जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने पिछले दिनों एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उनके द्वारा जमानत याचिका वापस ले ली गई है. अब कोर्ट जल्द अपना फैसला सुनाएगी.
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