Rampur Raza Library: उत्तर प्रदेश के रामपुर (Rampur) में आजम खान (Azam Khan) को शिकस्त देने के बाद बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना (Akash Saxsena) एक्शन में दिखाई दे रहे हैं. कुछ दिनों पहले रामपुर के इतिहास को पहचान दिलाने के लिए आकाश सक्सेना ने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की तो उन्होंने यहां की एतिहासिक धरोहर रजा लाइब्रेरी (Raza Library) को विश्व पटल पर पहचाने दिलाने का प्रस्ताव रखा, जिसे पीएम मोदी ने भी इस कुछ बड़ा करने की बात कही थी. जिसके बाद अब रजा लाइब्रेरी को चमकाने की कवायद शुरू हो गई हैं.
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा अपनी टीम के साथ रामपुर पहुंचीं और उन्होंने रजा लाइब्रेरी, बापू मॉल व गांधी समाधि सहित शहर के तमाम इलाकों का जायजा लिया. जिसके बाद रजा लाइब्रेरी के सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर चर्चा की. इस दौरान उनके साथ बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना, रज़ा लाइब्रेरी के डायरेक्टर का चार्ज संभाल रहे जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ और विकास कार्यों की रूप रेखा तैयार करने वाले मंडलायुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह भी मौजूद थे.
संस्कृति मंत्रालय ने किया लाइब्रेरी का निरीक्षण
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा रामपुर में ऐतिहासिक पुस्तकों और पांडुलिपियों के अनमोल खजाने को संरक्षित करने और संवारने के लिए योजना बना रही है, जिससे रामपुर के युवाओं में रजा लाइब्रेरी जाने की इच्छा प्रबल हो और रामपुर के बाहर से भी शोधकर्ता यहां आ सकें. इसके साथ ही यूरोप व खाडी देशों के शोधकर्ताओं के लिए रजा लाइब्रेरी को विश्व स्तरीय शोध केंद्र बनाया जाए. जिससे ज्ञान के साथ ही रामपुर में रोजगार और रजा लाइब्रेरी की आय में भी इजाफा हो. रामपुर रजा लाइब्रेरी के सहारे रामपुर विश्व पटल पर अपना स्थान बना सकेगा और विदेशी पर्यटकों भी यहां आ सकेंगे.
लाइब्रेरी में एतिहासिक किताबों की धरोहर
मुग्धा सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा ये मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की लाइब्रेरी है जो बहुत आईकॉनिक है. इसमें 17,000 से ज्यादा रेयर मैनुस्क्रिप्ट्स हैं. यहां पर किताबों का भी कलेक्शन है, इस रजा लाइब्रेरी को पहचान मिलना चाहिए जो भी मिनिस्ट्री की स्कीम है उसके तहत हम कोशिश करेंगे. रज़ा लाइब्रेरी 2024 में ढाई सौ साल सेलिब्रेट करने वाली है इसलिए इसके अंदर जो भी ऐतिहासिक धरोहर हैं जनता को उसे देखने का मौका मिलना चाहिए. इस हिसाब से हम यहां विजिट करने आए हैं.
मुग्धा सिन्हा ने कहा कि आकाश सक्सेना ने दिल्ली में हमें बहुत सारे सुझाव दिए थे. जिसके बाद हम रामपुर आए हैं. यहां ऐतिहासिक किताबों में मैनुस्क्रिप्ट्स और आर्टीफैक्ट्स के माध्यम से संग्रह है. यहां नई टेक्नोलॉजी के हिसाब से संग्रह नहीं हो सकता है, संग्रह का डिस्प्ले भी होना चाहिए. जिससे लोग देखें और अपने इतिहास को समझें. इतिहास नई जनरेशन के लिए ही फायदेमंद होता है.
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