UP News: उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने उनके जैसे साधारण इमाम को चुनाव लड़ाया हैं. नहीं तो अक्सर ये कहा जाता है कि राजनीति में वो ही आ सकता है जिसके पास या तो बहुत ज्यादा पैसा है या वो किसी बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखता है. उन्होंने कहा कि मेरे तो दिल की आरजू ही पूरी हो गई. 


सपा सांसद ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए खास इंटरव्यू में तमाम मुद्दों को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी, आजम खान और अखिलेश यादव को लेकर अपनी राय रखी. उन्होंने ख़ुद के सांसद बनने पर कहा कि इज्जत और जिल्लत तो ऊपर वाले के हाथ में होती हैं. जो ज्यादा सेवा करेगा.. उनका ध्यान रखेगा..उसके बंदों की सेवा करेगा वो देखिए रातों-रात कैसे कहां पहुंच गया. 


अखिलेश यादव का जिक्र कर कही ये बात
उन्होंने कहा कि "मैं तो ऐसे ही लोगों के काम कर दिया करता था. मुझे क्या खबर थी कि एक दिन अखिलेश जी कहेंगे कि इमाम साहब आप आकर रामपुर से चुनाव लड़िए. मेरे तो दिल की आरजू पूरी हो गई. अखिलेश यादव एक साधारण से इमाम को लाकर टिकट दिया और मुझे हिन्दू और मुसलमान सभी ने वोट दिया. हर वर्ग के लोग मिलने आते हैं.



पूर्व मंत्री आजम खान को लेकर मुहिबुल्लाह ने कहा कि आजम खान रामपुर के बड़े नेता हैं. पार्टी के भी बड़े आदमी है. अगर उन्होंने मेरा विरोध किया होता तो मेरी जीत नहीं हो पाती. सब लोगों की सहमति से हुआ है. सब लोगों ने वोट किया है. उनसे (आजम खान) हमारी कोई दूरी नहीं है. वो हमारी पार्टी के बड़े नेता है. 


समाजवाद पर भी रखी राय
इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी को चुनने को लेकर भी जवाब दिया और कहा कि समाजवाद और समाजवादी पार्टी एक नजरिया है. मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक जो कर हे हैं कि सबको समानता मिले, आपसी भाई-चारा कायम रहे, जो हमारे संविधान में भी है. हमारी मस्जिद में आने वाले नमाजियों में सपा नेताओं के साथ भी हमारा ताल्लुक रहा, तो समाजवाद के नजरिए को समझने में मदद मिली. समाजवाद यूपी में मजबूत होकर आया है. इसके लिए अखिलेश जी बधाई के पात्र हैं. 


सपा सांसद ने कहा कि रामपुर का सांसद बनने के बाद उनकी प्राथमिकता शहर के स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि रामपुर में आज तक एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं बन सका है. इस शहर की 18 लाख की आबादी है जहां हजार-पंद्रह सौ मरीज रोजाना आते हैं और सिर्फ ढाई सौ बिस्तरों का अस्पताल है. ऐसे में मरीज आसपास के जिलों और दूसरे राज्यों में इलाज के लिए जाते हैं. उन्हें कितनी परेशानी झेलनी पड़ती होगी. 


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