UP Assembly Election 2022: रामपुर एक ऐसा शहर है जिसका राजनीति में हमेशा ही बड़ा योगदान रहा है फिर चाहे नवाबों की रियासत का दौर हो या मौजूदा हालात में समाजवादी पार्टी का वर्चस्व. अगर रामपुर की मौजूदा स्थिति की बात करें तो रामपुर को समाजवादी का गढ़ भी कहा जाता है क्योंकि पिछले लंबे अरसे से रामपुर में समाजवादी पार्टी का वर्चस्व कायम रहा है और इसका मुख्य कारण समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को माना जाता है जो कि रामपुर से पिछले 9 बार से लगातार विधायक रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद आजम खान रामपुर के सांसद हैं. उनकी पत्नी तंजीन फातिमा रामपुर से विधायक हैं. बेटा अब्दुल्ला आजम 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर स्वार विधानसभा सीट से विधायक बना लेकिन सर्टिफिकेट में खामियों के चलते उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई.


हजमा मियां भी बना रहे हैं पकड़
रामपुर की कुल 5 विधानसभाओं में से 3 विधानसभा पर समाजवादी पार्टी का वर्चस्व कायम है हालांकि स्वार विधानसभा से बेटे अब्दुल्लाह आजम की विधायकी रद्द कर दी गई है लेकिन जेल से रिहा होकर वापस लौटे अब्दुल्ला आजम खान दोबारा से अपनी विधानसभा में पुरजोर दम झोंकें हुए हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस सीट पर इस बार क्या अंजाम होगा क्योंकि नवाब खानदान के चिराग हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां पिछले 4 सालों से इस विधानसभा पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने में लगे हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की नवाब हमजा मियां की कोशिश विधानसभा चुनाव के निर्णय के दौरान क्या रंग दिखाती है.


स्वार सीट पर एनडीए से कौन लड़ रहा चुनाव
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रामपुर की 4 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. रामपुर की सबसे हॉट सीट कहलाने वाली स्वार विधानसभा सीट पर एनडीए ने अपने सहयोगी अपना दल से नवाब खानदान के चिराग हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां को स्वार सीट की जिम्मेदारी सौंपी है. नवाब खानदान के हैदर अली खान का सीधा मुकाबला आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से होगा.


कांग्रेस प्रत्याशी आजम को दे रहे टक्कर
रामपुर विधानसभा सीट पर जहां पिछले काफी समय से आजम खान का वर्चस्व रहा है. नवाब खानदान से कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां आजम खान को कड़ी टक्कर देने का दावा कर रहे हैं. रामपुर विधानसभा सीट की अगर बात करें तो एनडीए ने अपने प्रत्याशी के तौर पर आजम खान के धुर विरोधी बीजेपी नेता आकाश सक्सेना को टिकट देकर दांव खेला है. उत्तर प्रदेश में भले ही कांग्रेस का मौजूदा स्थिति में कोई जोर नहीं है बावजूद इसके रामपुर के नवाब खानदान का राजनीति में इतिहास रहा है जिसका नुकसान आजम खान को सीधे तौर पर हो सकता है.


रामपुर में मुकाबला त्रिकोणीय
इस बार रामपुर का मुकाबला त्रिकोणीय होने जा रहा है क्योंकि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी का अच्छा खासा वोट बैंक रामपुर में है तो वहीं नवाब खानदान भी रामपुर में अपनी ताकत झोंके हुए है. इसके साथ ही आजम खान के जेल में होने का समाजवादी पार्टी के वोट पर काफी असर पड़ सकता है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि नवाब खानदान इस बार समाजवादी पार्टी के किले में सेंधमारी कर सकता है जिसका नुकसान सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी पर पड़ेगा. फिलहाल रामपुर और स्वार विधानसभा सीट पर आजम खान परिवार बनाम नवाब खानदान की इस सियासी लड़ाई में काफी कुछ दिलचस्प देखने को मिल सकता है.


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